बोली अउ भाखा हर जहर होगे, गाँव रहिस सुग्घर, अब शहर होगे।
दिनो -दिन बाढ़त हे मंहगाई हर, मुश्किल अब्बड़ गुजर-बसर होगे।
बैरी बनगे भाई के अब भाई हर, लागत हे, चुनई के गजब असर होगे।
बलदाऊ राम साहू