गोविन्द राव विट्ठल
आप छत्तीसगढी के पाण्डुका ग्राम के निवासी रहेव। सन् 1924 म आप छत्तीसगढ़ी ‘नाग-लीला’ के रचना करेव। हिन्दी म आप मन ‘शिव-सरोज’ अउ ‘गोविन्द-रोदन’ लिखे हव। इमन भक्त हृदय पाए रहिन। आप अपने म मगन रहत रहेव। छत्तीसगढ़ी अउ हिन्दी म आप मन एकांकी घलव लिखे हव।
गुरतुर गोठ में संग्रहित रचनायें .