अईसे तो सियान मन विस्तार ले बताहीं के कामा कतका-कतका जी.एस.टी. लगही, कुछु ह मंहगा होही त कुछु ह सस्ता, मै हर तो अतके बताए बर लिखत हौं भई के अब हम ब्लागर मन के बिरादरी बर जी.एस.टी. हर भारी परईया हे।
वइसे तो ब्यापारी भाई मन ल 20 लाख तक के टर्न ओभर मा जी.एस.टी. के रजिस्ट्रेशन मा सरकार छूट देवत हे। फेर सेंटरल जी.एस.टी. एक्ट के धारा 24 कहिथे के जउन मनखे के आमदनी के स्रोत भारत देश के बाहिर के होही, तेन ला एको रुपिया के छूट नइ मिले, ब्लागर भाई मन ह इंटरनेट ले अपन ब्लाग म एडसेंस अउ आन विज्ञापन के जरिए एको रुपिया के कमाई होही त उनला, जी.एस.टी. बर रजिस्टर होए ल लागही अऊ जी.एस.टी. तक देहे ल लागही, येमा जी.एस.टी. के रेट हर होही 18% परसेंट। तो भाई मन तिहार मनावव अउ तियार हो जावव, जी.एस.टी. रजिस्टेशन बर।
gst.gov.in म जावव, इहां रजिस्ट्रेशन कइसे करना हे विस्तार जानकारी मिलही।
प्रमोद अचिन्त्य
नवसिखिया ब्लागर