गीत

हमर शिक्षा व्‍यवस्‍था

पढ़हईया लईका मन ला हमर देश के सिरिजन करईया कहे जाथे। फेर आज के दिन मा ऊखर जिनगी के संग खिलवाड़ होवत हवै। ओ लईका मन ल बिन जबरन के कल्लई करात हवै। आजे काली बिहिनिया कुन पेपर म पढ़ेबर मिलिस कि एक झन लईका ह 12वीं म पहिलि सेरेणी म पास होगे हवै तभो ले कालेज म अपन मन के पढ़ नी सकत हवै।
पेपर म छपय रिहिस कि ओ लईका ह एसो 12वीं के परीक्छा दे रिहिस। फेर ओ लईका के काय गलती। ऐमा गलती तो ओछर पेपर ल जँचईया गुरूजी के रिहिस, जउन हा बिचारा लईका के बने-बने बनाए पेपर ला घलो अईसन जाँचिस कि ओ लईका हा उहिच बिषय मा पूरक आगे। जब ओ लईका ल लागिस कि मोर पेपर मा अंक निच्चट कम आगिस हवै ता अपन ईस्कूल के गुरूजी अऊ घर के सियान मन के केहे म अपन पेपर ला खोलवईस। जउन बिषय म ओ लईका हर फेल हो गे रिहिस ऊही बिषय म दूसरईया जँचवाए के बाद मा बने-बने अंक के संग म पास होगिस। ऐ दूसरईया जँचई के चक्कर मा ओ लईका के समेय ह घलो सिरागे, जेखर सेती ओ बिचारा कालेज मा दाखिला घलो नी पईस। आज ओ लईका हर पहिलि सेरेणी म पास होगिस तभो ले स्वाध्यायी पढ़ईया मन बरोबर ऊँहा पढ़ेबर परत हवै।
ए गोठ-बात म जँचईया मन के संगे-संग म हमर शिक्षा व्‍यवस्‍था के ऊपर म घलो सवाल उठत हवै कि हमर शिक्षा व्‍यवस्‍था ह अईसन कइसे कोनो लईका के जिनगी संग खेल सकत हवै। येहा एके झन लईका के गोठ नोहे, ऐखर असन कतको लईका मन ल अईसन हर बछर म छेले बर परथे। जउन मन ला बड़ कल्लई होथे। हमर राज के शिक्षा व्‍यवस्‍था ह अइसने रहिबे करहि त हमर देश के भाग्य बनईया कहवईया हमर पढ़हईया लईका मन के का होही? जउन मन ह अपन मेहनत ले पढई करथे फेर अईसन शिक्षा व्‍यवस्‍था के सेती ओ मन ल रोये ल पर जाथे।

पुष्पराज साहू
छुरा (गरियाबंद)

Share
Published by
admin