केशोडार पीवीटीजी वन धन विकास केंद्र से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आ रहा सकारात्मक बदलाव

केशोडार पीवीटीजी वन धन विकास केंद्र से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आ रहा सकारात्मक बदलाव

छत्तीसगढ़ राज्य में वन विभाग द्वारा वन धन विकास केंद्र की स्थापना की गई है, जहां आय के लिए विभिन्न गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। इस केंद्र से जुड़े होने के कारण वनांचल के लोगों के जीवन में सुधार हो रहा है। आधुनिक ब्रांडिंग और विशेषज्ञों के प्रशिक्षण से इन उत्पादों को बाजार में नई पहचान मिली है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में केशोड़ार के महिलाओं ने लगभग 82 लाख 50 हजार रुपये के हर्बल उत्पाद बेचे, जिससे केंद्र को 15 लाख रुपये की शुद्ध आय हुई है। यह पीवीटीजी वन धन विकास केंद्र की महिलाओं को स्थायी आजीविका और आत्मनिर्भरता के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

गरियाबंद जिले के केशोड़ार गांव में स्थित इस केंद्र में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह की महिलाएं परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीक की मदद से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। सभी महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजनांतर्गत यह केंद्र भुतेश्वर नाथ हर्बल एंड मेडिसिन स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित है।

इस केंद्र से 87 पीवीटीजी लाभार्थी महिलाएं 8 स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कार्य कर रही हैं। यहां महिलाओं के समूह द्वारा हर्बल औषधियों का उत्पादन किया जा रहा है। आयुष निदेशालय से अनुमोदित 13 हर्बल उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जैसे महाविपगर्भ तेल, भृंगराज तेल और तुलसी चूर्ण। इन उत्पादों को छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बाजार में बेचा जाता है, जिससे इनकी पहुँच देश भर के उपभोक्ताओं तक हो रही है। सभी पीवीटीजी महिलाएं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और वन मंत्री श्री केदार कश्यप को धन्यवाद कहती हैं, यह बताते हुए कि पीएम जनमन योजना से उनके जीवन में आर्थिक बदलाव आया है।

महिलाओं को उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है, जो छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। इनमें महिलाओं को न केवल कौशल विकास का अवसर मिलता है, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने और बाजार की आवश्यकताओं को समझने में भी मदद मिलती है। संघ द्वारा महिलाओं को आधुनिक मशीनें और उत्पादन उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उत्पादों का निर्माण समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ हो रहा है।

विशेष रूप से, भृंगराज तेल को पारंपरिक विधि से तैयार किया जाता है, जिसमें औषधीय जड़ी-बूटियों को तेल में पकाया जाता है। यह तेल बालों की देखभाल के लिए बहुत प्रभावी है, जो बालों के झड़ने को रोकता है और उनकी वृद्धि में मदद करता है। महाविषगर्भ तेल, जो पीठ और जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद है, इस केंद्र का एक और लोकप्रिय उत्पाद है।

पीवीटीजी वन धन विकास केंद्र, केशोड़ार केवल उत्पादों का उत्पादन नहीं कर रहा, बल्कि एक परंपरा और ज्ञान को भी संरक्षित और बढ़ावा दे रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ की सक्रिय भागीदारी और मार्केटिंग रणनीति ने इस सफलता को संभव बनाया है। इस केंद्र की सफलता ने यह सिद्ध किया है कि कैसे परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीक का समन्वित उपयोग करके ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

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