बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पिछले दो दिनों से जारी नक्सल विरोधी अभियान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन को सुरक्षा बलों द्वारा अभूतपूर्व गंभीरता से अंजाम दिया जा रहा है और इससे जुड़े कई बड़े अपडेट सामने आए हैं।
तीन राज्यों की संयुक्त कार्रवाई, वायुसेना का सहयोग
इस विशेष ऑपरेशन में छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के सुरक्षा बलों की संयुक्त टुकड़ियाँ शामिल हैं। ऑपरेशन का मुख्य फोकस है PLGA बटालियन नंबर 1 से 5 के प्रभाव क्षेत्र, जिसे नक्सलियों का सबसे सुरक्षित और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है।
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ड्रोन निगरानी के साथ-साथ
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MI-17 हेलीकॉप्टरों का प्रयोग
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वायुसेना से लॉजिस्टिक और रेस्क्यू सपोर्ट
इन सभी उपायों से यह साफ है कि यह अभियान देश की सबसे बड़ी माओवाद विरोधी कार्रवाइयों में से एक हो सकता है।
मड़वी हिडमा की मौजूदगी की आशंका
खुफिया इनपुट्स के अनुसार, नक्सलियों के मोस्ट वांटेड कमांडर मड़वी हिडमा की इस क्षेत्र में मौजूदगी की प्रबल आशंका है। इसके अलावा, अत्याधुनिक हथियारों से लैस कई माओवादी कर्रेगुट्टा और नड़पल्ली पहाड़ी क्षेत्र में छिपे होने की सूचना है।
हाल ही में जारी एक नक्सली प्रेस नोट में दावा किया गया था कि इस इलाके में 100 से अधिक IED बम बिछाए गए हैं, जिससे क्षेत्र की गंभीरता और बढ़ जाती है।
3000 से अधिक नक्सली हो सकते हैं मौजूद
सूत्रों का यह भी मानना है कि इस पूरे जंगल क्षेत्र में 3000 से अधिक नक्सली सक्रिय हो सकते हैं। इसी इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया है।
अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
फिलहाल इस ऑपरेशन को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन मुठभेड़ की गंभीरता और दायरा यह संकेत देता है कि जल्द ही कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।