बैतूल, वरिष्ठता बहाली मंच मध्यप्रदेश ने शिक्षक संवर्ग की लंबित समस्याओं को लेकर बैतूल प्रवास पर आए शिक्षा मंत्री को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन विधायक हेमंत खंडेलवाल की उपस्थिति में दिया गया, जिसमें शिक्षक वर्ग की प्रमुख मांग यह थी कि आईएफएमआईएस पोर्टल पर शिक्षकों की नियुक्ति तिथि को 01 जुलाई 2018 के बजाय उनकी वास्तविक नियुक्ति तिथि दर्ज की जाए।
ज्ञापन में कहा गया कि मध्यप्रदेश की शिक्षा गारंटी शाला के गुरुजियों को उनकी गुरुजी नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए। इसके साथ ही, 01 जुलाई 2018 को अध्यापक संवर्ग से स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग में शामिल किए गए शिक्षकों, शिक्षाकर्मियों, गुरुजियों और संविदा शिक्षकों की पिछली सेवा को निरंतर मान्यता दी जाए। इन शिक्षकों को राज्य स्कूल शिक्षा सेवा के नवीन शैक्षणिक संवर्ग में सुसंगत पदों जैसे प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
हालांकि, वित्त विभाग की आईएफएमआईएस पोर्टल पर इन शिक्षकों की नियुक्ति तिथि 01 जुलाई 2018 दर्ज होने के कारण उनकी पूर्व सेवा अवधि की गणना नहीं हो रही है। इसका सीधा असर उन शिक्षकों पर पड़ रहा है जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या दिवंगत हो चुके हैं। उनके परिवारों को सेवा उपादान (ग्रेच्युटी) का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वरिष्ठता बहाली मंच ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इन शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से उनकी सेवा अवधि की गणना की जाए ताकि उन्हें क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान का लाभ मिल सके। इससे वर्तमान शिक्षक वर्ग को राहत मिलेगी, सेवानिवृत्त और दिवंगत शिक्षकों के परिवार भी ग्रेच्युटी और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
गौरतलब है कि आईएफएमआईएस पोर्टल पर तिथि संशोधन न होने से भविष्य में केंद्र सरकार की पेंशन योजना का लाभ भी शिक्षकों को नहीं मिल पाएगा। इस ज्ञापन में जिला प्रभारी गंगा प्रसाद यादव, ओमप्रकाश साहू, ठाकुर, प्रवीण नरवरे, सचिन राय, रवि सरनेकर, नरेंद्र कुमार चिल्हाटे, राजेंद्र साहू और नगदे सहित कई शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।