सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली से नाराज होकर इस्तीफा पेश किया है। दरअसल इसके साथ ही वह थाने के सामने धरने पर भी बैठ गए। जानकारी के अनुसार यह विरोध प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ जब केसली थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की सर्पदंश से मौत हो गई।
वहीं उस दौरान मृतक के परिवार से डॉक्टर द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत मांगी गई। जानकारी के मुताबिक इस मामले में जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो विधायक ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और इसके साथ ही थाने के सामने धरना भी शुरू कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले के केसली थाना क्षेत्र के मेडकी गांव का बताया जा रहा है, जहां सर्पदंश से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। वहीं मृतक के परिजन शव और सांप को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि के लिए 40,000 रुपये रिश्वत की मांग की। वहीं इस अवैध मांग से नाराज होकर मृतक के परिवार ने विधायक बृज बिहारी पटेरिया को इस मामले की पूरी जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद विधायक खुद थाने पहुंचे और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की पुलिस से मांग की। लेकिन पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की, वहीं इस वजह से विधायक ने कड़ी नाराजगी जताई।
यह अत्यंत शर्मनाक है – विधायक बृज बिहारी पटेरिया
वहीं पुलिस की कार्यवाही से असंतुष्ट होने के चलते विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा पेश कर दिया और सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। दरअसल उन्होंने कहा, “इतने स्पष्ट सबूत होने के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज करने में विफल रही है, यह अत्यंत शर्मनाक है।” इसके साथ ही विधायक ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी डॉक्टर की पत्नी पुलिस विभाग में कार्यरत है, इसलिए पुलिस कार्रवाई से बच रही है।
अभी-अभी देर रात जानकारी लगी कि मेरी नजदीकी विधानसभा क्षेत्र देवरी के विधायक श्री बृज बिहारी पटेरिया ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र मा. विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है और वे केसली थाना में धरने पर बैठ गए हैं। इसकी जानकारी लगते ही मैने वरिष्ठ विधायक श्री पटेरिया से दूरभाष पर चर्चा…
गोपाल भार्गव ने की फोन पर बात
वहीं इस विषय पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने विधायक बृज बिहारी पटेरिया से फोन पर बातचीत की है। जानकारी के मुताबिक उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध भी किया है। दरअसल उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि इस तरह की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। गोपाल भार्गव ने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों के हितों के प्रति समर्पित सरकार है और इस तरह की घटनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया
दरअसल गोपाल भार्गव ने जिले के उच्च अधिकारियों से इसे लेकर संपर्क किया है और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के कड़े निर्देश भी दिए है। जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा इस प्रकार की रिश्वतखोरी और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। दरअसल गोपाल भार्गव द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है और कहा गया है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।