रेलवे अफसर बनकर शिक्षिका से झटके छह लाख मेट्रोमोनियल ऐप के जरिए की जान-पहचान और मुलाकात

रेलवे अफसर बनकर शिक्षिका से झटके छह लाख मेट्रोमोनियल ऐप के जरिए की जान-पहचान और मुलाकात

Sonbhadra मेट्रोमोनी ऐप के जरिए अच्छे वर की तलाश एक शिक्षिका के लिए महंगी पड़ी है। इस ऐप के जरिए एक व्यक्ति ने खुद का रेलवे अफसर बताकर, शिक्षिका से मुलाकात की। रेलवे से जुड़े कई कागजात दिखाए। इसके आधार पर, भरोसे में लेकर, लगभग छह लाख अपने खात में ट्रांसफर कर लिया। लगभग एक साल के बीच ली गई धनराशि को जब ठगे होने की जानकारी हुई तब पीड़िता ने शुक्रवार को राबटर्सगंज कोतवाली पहुंचकर पुलिस से गुहार लगाई। प्रकरण में धारा 406, 420 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

जिला मुख्यालय क्षेत्र में निवास करने वाली शिक्षिका ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि वह एक प्राइमरी स्कूल में कार्यरत है। 25 नवम्बर 2023 को कथित अशोक कुमार मिश्रा नामक व्यक्ति ने मेट्रिमोनी एप के जरिए उससे संपर्क किया। भरोसा देने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और रेलवे का अधिकारी होने का पहचान पत्र भेजा। अपने आपको भारतीय रेल का अधिकारी बताते हुए सोनभद्र आकर उसने पीड़िता से तीन बार मुलाकात की।

बचत खाते पर रोक की बात कहते हुए ऐंठ ली रकम

मुलाकात के दौरार उसने पीड़िता से जिक्र किया कि उसके खाते पर रोक लग गई है और उसे पैसे की आवश्यकता है। लिए गए पैसे की जल्द वापसी का भरोसा दिया और झांसे में लेकर उसने पीड़िता से अपने बैंक एकाउंट में 6 लाख 26 हजार रुपये धीर-धीरे ट्रांसफर करा लिए। खासा समय व्यतीत होने पर जब दी गई रकम वापस नहीं मिली तो काफी प्रयास के बाद, उसे 45 हजार वापस किया गया। शेष की वापस नहीं की गईं।

पुलिस को उपलब्ध कराए गए ठगी से जुड़े दस्तावेज

तब पीड़िता शुक्रवार को कोतवाली पहुंची और प्रभारी निरीक्षक से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया। अपने कथन के समर्थन में अपने बैंक एकांउट का स्टेटमेंट, कथित अशोक के एकाउंट का डिटेल, कथित अशोक का वाहन संख्या, उसकी सारी आईडी, एक स्टैंप पेपर पर, जिस पर लिए गए पैसे की अदायगी का जिक्र किया गया है, पुलिस को सौंपा। पुलिस के मुताबिक मामले में आरोपी अशोक के खिलाफ धारा 406 और 420 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की छानबीन जारी है।

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