सफलता की कहानी- शुकवारो बाई और आशो बाई को जरूरत के समय किसी से पैसे मांगने की नहीं पड़ती जरूरत, महतारी वंदन योजना की राशि से होता है जरूरी काम

सफलता की कहानी- शुकवारो बाई और आशो बाई को जरूरत के समय किसी से पैसे मांगने की नहीं पड़ती जरूरत, महतारी वंदन योजना की राशि से होता है जरूरी काम

कोरबा,   प्रदेश में लागू की गई महतारी वंदन योजना से अनेक माताओं-बहनों को अब छोटी-मोटी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की नौबत नहीं आती। विकासखण्ड कोरबा अंतर्गत ग्राम खेतार की लगभग 70 वर्षीय वृद्धा आशो बाई को कुछ माह पहले तक अपनी छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति के लिए कुछ लोगों से पैसे मांगने की आवश्यकता पड़ती थी। कई बार कुछ रूपए के लिए उन्हें लंबा इंतजार भी करना पड़ता था। अब जबकि महतारी वंदन योजना से हर महीने खाते में 01 हजार रूपए समय पर मिल जाते हैं। ग्राम खेतार की वृद्धा आशो बाई ने बताया कि उम्र के साथ ही उन्हें कुछ भी काम करने में परेशानी है वह किसी तरह छोटे-मोटे घरेलू काम कर लेती है। घर के आसपास अपने बकरियों को चरा लेती है। उन्होंने बताया कि विगत माह महतारी वंदन योजना से प्राप्त राशि का आहरण किया है। इस राशि का उपयोग अपने घर के लिए जरूरी सामग्री खरीदने, उपचार और बीमारी के दौरान दवा, फल आदि में किया है।

ग्राम बेला की शुकवारो बाई ने बताया कि हर महीने महतारी वंदन योजना के राशि का इंतजार रहता है। राशि समय पर खाते में आते ही उन्हें बहुत राहत मिलती है। यह राशि हमारे बड़े काम की होती है। वृद्धा आशो बाई को किसी के आगे रूपए के लिए हाथ फैलाने जैसी नौबत नहीं आती है। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू किए जाने के बाद हम जैसी वृद्ध महिलाओं के लिए यह वरदान साबित हो रही है। हर महीने खाते में एक हजार की राशि प्राप्त हो जाती है, इससे छोटी-मोटी जरूरतें हम पूरी कर लेते हैं। उन्होंने महतारी वंदन योजना लागू किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को बहुत लाभ पहुंचने की बात कही और इस योजना के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के प्रति आभार भी प्रकट किया।

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