Dr Baldev

छत्तीसगढ़ी कविता के सौ साल: संपादक-डॉ. बलदेव

हमर तो ए मेर उद्देस्य एकेच ठन आय के छत्तीसगढ़ के सब्बोच अंचल के कवि मन ले थोरथार परिचय हो जाए। ए संकलन खातिर छत्तीसगढ़ी के चारों मुड़ा म संपर्क करे गय रहिस अठ कवि मन के कविता मन ल एक जगह रखे के प्रयत्न करे गइस | बहुत झिन कवि मन के रचना जेमन पत्रिका अउ किताब मन मा परकासित हे, अउ जेमन मिल सकीन ते मन ले कम से कम एकक ठिन प्रतिनिधि कविता के संकलन तियार करे गइस हे। बीस-
पच्चीस साल ले हमर संगी जंवरिहा मन अपन-अपन कविता मन ल परसादी म हमला दे रहिन, कुछ मन बर तो कछु काहीं लिखेन फेर सब्बेच
बर लिखना संभव नहीं रहिस, त उंकर कविता मन ल एमेर रख के उरिन होय के उजोग करे गय हे । कतको महत्वपूर्ण कवि मन छूट गए होहीं, एकर
लिए मैं पहीलीच ले माफी मांगत हवंव। अठ जे कवि मन ल किताब म आदरपूर्वक रखे गय हे उंकर हमर आभार प्रकट करत हन, उंकर समादर
करत हन। एहर छत्तीसगढ़ी के पहिली काव्य संकलन नोहय, अठ कई उन संकलन छप चुके हे। ओह मन ले मधु संचयन करे हन…..

लेखक / संपादक के पुत्र के द्वारा कन्‍टेट प्रकाशित करने के लिए कहा गया था उसके उपरांत उन्‍हीं के द्वारा कन्‍टेंट हटाने के अनुरोध पर किताब की पीडीएफ प्रति हटा दी गई है।

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