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सुरता : जन कवि कोदूराम “दलित”

अलख जगाइन साँच के,जन कवि कोदू राम।
जन्म जयंती हे उँकर,शत शत नमन प्रणाम।

सन उन्नीस् सौ दस बछर,जड़ काला के बाद।
पाँच मार्च के जन्म तिथि,हवय मुअखरा याद।

राम भरोसा ए ददा, जाई माँ के नाँव।
जन्म भूमि टिकरी हरै,दुरुग जिला के गाँव।

पेशा से शिक्षक रहिन,ज्ञान बँटइ के काम।
जन्म जयंती हे उँकर,शत शत नमन प्रणाम।

राज रहिस अंगरेज के, देश रहिस परतंत्र।
का बड़का का आम जन,सब चाहिन गणतंत्र।

आजादी तो पा घलिन, दे के जीव परान।
शोषित दलित गरीब मन,नइ पाइन सम्मान।

जन-मन के आवाज बन,हाथ कलम लिन थाम।
जन्म जयंती हे उँकर, शत शत नमन प्रणाम।

जन भाखा मा भाव ला,पहुँचावँय जन तीर।
समझय मनखे आखरी,बहय नयन ले नीर।

दोहा रोला कुंडली, कुकुभ सवैया सार।
कइ प्रकार के छंद सँग,गीत लिखिन भरमार।

बड़ ज्ञानी उन छंद के,दया मया के धाम।
जन्म जयंती हे उँकर,शत शत नमन प्रणाम।

सुखदेव सिंह अहिलेश्वर”अँजोर”
गोरखपुर,कवर्धा
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