चल घुमाहूँ तोला, धनहा डोली। सुनाहूँ तोला, तीतुर, पपीहा के बोली। मेड़ -पार म उगे हवे, रंग - रंग के… Read More
सावन आथे त मन मा, उमंग भर जाथे। हरियर हरियर सबो तीर, रंग भर जाथे। बादर ले झरथे, रिमझिम पानी।… Read More
जिनगी के गाड़ा ल, अकेल्ला कइसे तिरौं। उल्ला धुरहा हवै रे, मुड़भसरा मैं गिरौं। काया के पाठा, पक्ति पटनी ढिल्ला।… Read More
भाई भाई ल,लड़इय्या कतको हे। मीत मया ल, खँड़इय्या कतको हे। लिगरी लगाये बिन पेट नइ भरे, रद्दा म खँचका… Read More
बन्द हवे इस्कूल,जुरे सब लइका मन जी। बाढ़य कतको घाम,तभो घूमै बनबन जी। मजा उड़ावै घूम,खार बखरी अउ बारी। खेले… Read More
जेठ अँजोरी मई महीना,नाचै गावै गा मेवाड़। बज्र शरीर म बालक जन्मे,काया दिखे माँस ना हाड़। उगे उदयसिंह के घर… Read More