Keshav Pal

आजादी के गीत

खूने-खून के नदिया बोहाइस, परान छुटत ले लड़े हे। आजाद कराय बर देस ल, दुस्मन संग भिड़े हे। उही लहू… Read More

5 years ago

नान्‍हे कहिनी : नवा बछर के बधाई

नवा साल के नवा बिहनिया राहय अउ सुग्घर घाम के आनंद लेवत "अंजनी" पेपर पढ़त राहय। ओतके बेरा दरवाजा के… Read More

5 years ago

सतनाम पंथ के संस्थापक संत गुरूघासीदास जी

छत्तीसगढ़ राज्य के संत परंपरा म गुरू घासीदास जी के इस्थान बहुत बड़े रहि से। सत के रददा म चलइया,… Read More

5 years ago

याहा काय जाड़ ये ददा

समझ नइ आवत हे,याहा काय जाड़ ये ददा...! जादा झन सोच,झटकुन भुररी ल बार बबा...! अपने अपन कांपाथे,हाथ गोड़...! चुपचाप… Read More

5 years ago

माटी के मया

अब तो नइ दिखय ग, धान के लुवइया। कहाँ लुकागे संगी, सीला के बिनइया। दउरी,बेलन ले, मुँह झन मोड़व रे.....।… Read More

5 years ago

देवारी बिसेस : हमर पुरखा के चिनहा ल बचावव ग

......हमर संस्कीरिती, हमर परंपरा अउ हमर सभ्यता हमर पहिचान ये।हमर संस्कीरिती हमर आत्मा ये।छत्तीसगढ़ के लोक परब, लोक परंपरा, अउ… Read More

5 years ago

बेटी के सुरता

सोचथंव जब मन म, त ये आंखी भर जाथे। तब मोला, वो बेटी के सुरता आथे।। का पानी, का झड़ी,बारहों… Read More

6 years ago

खेती मोर जिंनगी

नांगर धर के चले नंगरिहा, बइला गावय गाना। ढोढिया,पीटपिटी नाचय कुदय, मेचका छेड़य ताना। रहि-रहि के मारे हे गरमी ह,… Read More

6 years ago

गांव के सुरता

होवत बिहनिया कुकरी-कुकरा, नींद ले जगावय। कांव-कांव करत चिरई-चुरगुन, नवा संदेसा सुनावय। बड़ निक लागय मोला, लईका मन के ठांव… Read More

6 years ago