बाई हमर बड़े फजर मुंदराहा ले अँगना दूवार बाहरत बनेच भुनभुनात रहय, का बाहरी ला सुनात राहय या सुपली धुन… Read More
गली गली मा देख लव,एके चरचा आम । पाछु सहीं भुलियारहीं ,धुन ये करहीं काम । अाथे अलहन के घड़ी,सुमिरन… Read More
ये पिरीत के किस्सा सुनाँव कइसे ? घाव बदन भर के ला लुकाँव कइसे ? देंवता कस जानेंव ओकर मया… Read More
गाँव म गरीब जनता खातिर चलाये जात योजना मन उपर आधारित गाँव गाँव आज शहर लागे, चकचक ले चारो डहर… Read More
नवा बछर के बधाई म मोर एकलौता संगवारी जब ले केहे हे - 'मंगलमय'। मंगलवार घलो इतवारमय लागत हे। इतवार… Read More
लुका झन काहत बड़ ठंडी रात हे, देख कइसे फागुन बउरात आत हे! झराके रुखवा चिरहा जुन्ना डारापाना, नवा बछर… Read More
जब ले छुए वाला (टच स्क्रीन) मोबईल के चलन होय हे बटन वाला के कोनो किरवार करईया नइ दिखय। साहेब,… Read More
दुख संग म मोर गजब यारी हे दरद म हांसे के बीमारी हे! कहां सकबो नगदी मोलियाय तरी उपर सांस… Read More