- कहानी : रेलवे टईम टेबुल के भोरहा
- मानक बिना मान नही
- कहिनी : राजा नवयुग के मंत्रीमंडल
- व्यंग्य : चुनाव के बेरा आवत हे
- हमर खान-पान मा नून-मिरचा
- कहानी : सेमी कस बँटागे मनखे
- उछाह के परब गणतंत्र दिवस
- नवा बछर के शुरुआत : कहानी
- चुनाव के बेरा आवत हे
- बरी-बिजौरी मा लुकाय बिग्यान
- मोला करजा नई सुहावय
- कहिनी : नाव बदले ले न गाड़ी बदले न ठऊर
- साहित्य हरे अंधरा के तसमा
- लगिन फहराही त बिहाव माढ़ही
- बियंग : बरतिया बाबू के ढमढम
- नवा बछर म करव नवा शुरुआत
- कहाँ गंवा गे सिरतोन के मनखे
- व्यंग्य : गवंई गांव के रद्दा म बस के सफर
- कहानी : फूल के जघा पउधा भेंट करव
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- ललित साहू जख्मी