Lalit Sahu Jakhmi

मोला करजा नई सुहावय

सार गोठ (मोर अंतस के सवाल ये हरे कि करजा नई सुहावय त जनम ले दाई-ददा हमर बर जे करे… Read More

7 years ago

कहिनी : नाव बदले ले न गाड़ी बदले न ठऊर

भटकुल नानचुन गांव रथे, फेर ऊंहा लड़ई-झगरा अऊ दंगा असन बुता होवते राहय। ऊंहा के गंउटिया इही झगरा के पीरा… Read More

7 years ago

साहित्य हरे अंधरा के तसमा

मटमटहा राम हा नवा-नवा साहित्यकार बने रथे, ओकर लेखनी के चारो खुंट परसंसा होथे वोहा कम दिन मे ज्यादा नाम… Read More

7 years ago

लगिन फहराही त बिहाव माढ़ही

बर बिहाव के दिन म जम्मों मनखे इहिच गोठ म लगे रथे, अऊ ठेलहा मनखे हा तो ये मऊका म… Read More

7 years ago

बियंग : बरतिया बाबू के ढमढम

बिहाव के गोठ छोकरी खोजे ले चालू होथे अऊ ओखरो ले पहिली ले दुल्ही-दुल्हा दुनो घर वाला मन हा गहना-गुट्ठा… Read More

7 years ago

नवा बछर म करव नवा शुरुआत

हमर भारत म बारो महिना तिहार अऊ खुसी के दिन आवत रथे, फेर अंग्रेजी कलेंडर के एक चक्कर पुरे के… Read More

7 years ago

कहाँ गंवा गे सिरतोन के मनखे

एक दिन के बात आय एक ठन कुकुर पिला दिनभर हमर गाँव के रद्दा म किंजरत रीहिस अऊ ओ रद्दा… Read More

7 years ago

व्‍यंग्‍य : गवंई गांव के रद्दा म बस के सफर

बस के सफर में का मजा आथे तेला तो गवंई गांव के रद्दा में जेहा बस के सफर करे होही… Read More

7 years ago

कहानी : फूल के जघा पउधा भेंट करव

रवि अपन संगवारी उदय संग छोकरी खोजे बर निकरथे, लहुट के गांव म अपन ददा ल जाके कोनहो छोकरी नई… Read More

7 years ago