- तीजा - पोरा के तिहार
- शिव शंकर
- खेती किसानी
- कहानी : लालू अऊ कालू
- आमा के चटनी
- मजदूर
- अक्षय तृतीया विशेष : पुतरी पुतरा के बिहाव
- माता ला परघाबो
- लघुकथा - नौकरी के आस
- होली विशेष राशिफल
- शिवरात्री मनाबो - महादेव में पानी चढाबो
- वंदे मातरम
- बसंत पंचमी के तिहार
- आजादी के दीवाना : सुभाष चंद्र बोस (23 जनवरी जयंती विशेष)
- ठगही फेर सकरायेत
- जाड़ के महीना
- चौपाई छंद - सर्दी आई
- अगहन बिरसपति - लक्ष्मी दाई के पूजा अगहन बिरसपति
- माटी मोर मितान
- देवारी तिहार : देवारी के दीया
- देवारी के दीया
- धान - पान
- बेटी : रोला छन्द
- अक्षर दीया जलाबोन
- दाई के पीरा
- राखी के तिहार
- शिव भोला ल मनाबोन
- सावन में शिव ला मनाबोन
- बरसा के दिन
- नशा : कविता
- बरस जा बादर, किसानी के दिन अउ योग करो
- काँदा कस उसनात हे
- आज काल के लइका : दोहा
- ढोंगी बाबा
- आमा के चटनी
- अकती के तिहार
- लेख : बंटवारा
- वाह रे कलिन्दर
- तिंवरा भाजी
- दोहा : गरमी अऊ पानी
- बुरा ना मानो होली है
- बसंती हवा
- लघुकथा : कन्या भोज
- महेन्द्र देवांगन माटी के कविता : बसंत बहार
- मांघी पुन्नी के मेला
- तिल लाड़ू खाबोन - मकर संक्रांति मनाबोन
- भुर्री तापत हे
- छेरछेरा के तिहार - लइका मन पारत गोहार
- नवा साल मुबारक हो
- नारी हे जग में महान
- मोर छत्तीसगढ़ के किसान
- अंधविसवास
- जाड़ ह जनावत हे
- अगहन बिरसपति के पूजा
- धान - पान
- देवउठनी एकादशी अऊ तुलसी बिहाव
- माटी के दीया जलावव : सुघ्घर देवारी मनावव
- देवारी के दीया
- गऊ माता ल बचाओ - सुख समृद्धि पाओ
- एक एक पेड़ लगाओ
- भक्ति के जोत जलाले
- पीतर
- तीजा-पोरा के तिहार
- लोग लइका बर उपास - कमरछट के तिहार
- भाई -बहिनी के तिहार - राखी
- सावन अऊ शिव
- बम बम भोले
- मोर गांव कहां गंवागे
- भोरमदेव - छत्तीसगढ़ के खजुराहो
- कन्या भोज (लघुकथा )
- बंटवारा
- मजदूर दिवस म कविता: मजदूर
- गीत : मउहा बिने ल जाबो
- परघनी
- गरमी बाढ़त हे
- चलो मंदिर जाबो
- मंहगाई
- होली हे भइ होली हे
- होली के रंग - राशिफल के संग
- कहानी : अंधविसवास
- मेला जाबोन : महेन्द्र देवांगन "माटी" के गीत
- बसंत के बहार
- छब्बीस जनवरी मनाबो : वंदे मातरम गाबोन
- छत्तीसगढ़ी भासा
- कहानी : पछतावा
- कविता - सब चीज नंदावत हे
- कविता-समाज ल आघू बढ़ाबोन
- गांव ल झन भुलाबे अउ किसान
- कविता -खुरसी के खेल
- सगा आवत हे
- मोर छत्तीसगढ़ के भुंइया
- मटमटहा टूरा
- छत्तीसगढ़ के बासी चटनी
दो टैग और है