Manohar Das Manikpuri

जरत रइथौं (गजल)

रइहीं तरिया म मनखे, पानी आबे,अमुआ डारी म बइठे जोहत रइहौं।घर म सुरता भुलाये, बइठे रहिबे,कोला बारी म मैंहा, ताकत… Read More

16 years ago

गंवइहा

मैं रइथौं गंवई गांव मं मोर नाव हे गंवइहा, बासी बोरे नून चटनी पसिया के पियइया।जोरे बइला हाथ तुतारी खांध… Read More

16 years ago

सुरता हर आथे तोर

सपना सही तैं आये चल देहे मोला छोड़,सुरता हर आथे तोर,सुरता हर आथे तोर।आके तीर म पूछे तैंहा, सीट हावै… Read More

16 years ago

मोर गाँव

बने रहै मोर बनी भूती ह, बनै रहै मोर गाँव,बने रहै मोर खपरा छानही,बर पीपर के छाँव।बड़े बिहनिहा बासत कुकरा,… Read More

16 years ago

तोर दुआरी

सुरता के दियना, बारेच रहिबे,रस्ता जोहत तैं ढाढेंच रहिबे।रइही घपटे अंधियारी के रात,निरखत आहूं तभो तोर दुआरी।मैं बनके हिमगिरी,तैं पर्वत… Read More

16 years ago

छत्तीसगढ़िया

छत्तीसगढ के रहइया,कहिथें छत्तीसगढ़िया,मोर नीक मीठ बोली, जनम के मैं सिधवा।छत्तीसगढ के रहइया,कहिथें छत्तीसगढ़िया। कोर कपट ह का चीज ये,नइ जानौ… Read More

16 years ago