Narayan Lal Parmar

में नो हों महराज: नारायण लाल परमार

एक ले एक हे हुसियार ,में नो हों महराज। करे सब करिया कारोबार, मे नो हो महराज॥ कनवा ला कनवा… Read More

3 years ago

गांव अभी दुरिहा हे : नारायणलाल परमार

तिपे चाहे भोंभरा, झन बिलमव छांव मां जाना हे हमला ते गांव अभी दुरिहा हे। कतको तुम रेंगाव गा रद्दा… Read More

5 years ago

हे राम : नारायण लाल परमार के नवगीत

दुनिया मां नइये कखरो ठिकाना - मनखे ठाढ सुखावत हे राम, मनखे ठाढ सुखावत हे राम। झन पूछ भइया हाले… Read More

7 years ago

साहित्यिक पुरखा मन के सुरता : नारायणलाल परमार

अँखियन मोती मन के धन ला छीन पराइस टूटिस पलक के सीप उझरगे पसरा ओकर बाँचे हे दू चार कि… Read More

8 years ago

नारायण लाल परमार के कबिता

मन के धन ला छीन पराईसटूटिस पलक के सीपउझर गे पसरा ओखरबांचे हे दू चारकि अखिंयन मोती ले लो ।आस… Read More

13 years ago