1
नवा बछर शुभकामना,जिनगी हो खुशहाल।
मन के कोठी मा मया,बाढ़य जी हर साल।
2
पाछू के अटके बुता,सफल सिद्ध हो जाय।
नवा बछर हे देवता,जन जन सब मुस्काय।
3
मतलबिया घरफोरवा,झन दँय घातक घात।
सुमता के दियना जलय,गाँव गली दिन रात।
4
अघुवा लहुटे दोगला,अइसन दिन झन आय।
कथनी करनी एक हो,किरिया अपन निभाय।
5
खरतरिहा खन्ती खनय,दिनभर खेती खार।
सरलग महिनत ला करै,लावय नवा बहार।
6
खेती ला पानी मिलय,फसल लहर लहराय।
खातू बिजहा हो असल,करजा सबो चुकाय।
7
अंतस मा राखव सबो, गुरतुर गुरतुर गोठ।
चुगली चारी छोड़ के, राहव सँघरा पोठ।
8
साफ सफाई मा गजब,तन मन हा फरियाय।
गली खोर सुग्घर दिखय,देश राज सुघराय।
9
संतोषी मनखे अमित,सदा सबर संकोच।
10
भभकी भरमा भूत ला, जुरमिल मार भगाव।
सत के जोती ले अमित,सुग्घर साल मनाव।
अमित सिंगारपुरिया
भाटापारा (छ.ग.)
9753322055
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