निचट शराबी अऊ जुवांड़ी, बाप रहै झन भाई। रहै कभू झन कलकलहिन, चंडालिन ककरो दाई॥ मुड्ड़ी फूटगे वो कुटुम्ब के,… Read More
अरे गरीब के घपटे अंधियारगांव ले कब तक जाबे,जम्मो सुख ला चगल-चगल केरूपिया तैं कब तक पगुराबे?हमर जवानी के ताकत… Read More
चारों खुंट अंधेर अघात।पापी मन पनपै दिन रात।भरय तिजौरी भ्रस्टाचारआरुग मन बर सुक्खा भात॥रिसवत लेवत पकड़ागे तौ रिसवत देके छूट।किसम-किसम… Read More
छत्तीसगढ़ के माटी मा, मैं जनम पाय हौं।अड़बड़ एकर धुर्रा के चंदन लगाय हौं॥खेले हौं ये भुँइया मा, भँवरा अउ… Read More