Rameshwar Sharma

सवनाही : रामेश्वर शर्मा

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8 years ago

गीत : रामेश्वर शर्मा

सरर-सरर फरर-फरर बहे पुरवाही। सावन सवनाही तब धरती हरियाही॥ बूंद गिरे भुइयां मं सावन के झर-झर। बिजुरी के तड़-तड़ बादर… Read More

11 years ago

गीत-राखी के राखी लेबे लाज

बंधना म बांध डारेवं भाई, राखी के राखी लेबे लाज। सुघ्घर कलाई तुहर सोहे, माथे के टीका सोहे आज।। किंजर-किंजर… Read More

12 years ago

छत्‍तीसगढ़ी गज़ल – देखतेच हौ अउ आदत बना लन

देखतेच हौ बाती तेल सिराय अमर देखतेच हौबुझागे हवय दियना हमर देखतेच हौछोड़ किसानी अफसर बनिहौं कहिके टूरा लटक गीस… Read More

13 years ago