ससुर के नखरा

बिहाव के सीजन चलत हे,
महु टुरी देखे बर गेंव,
टुरी के ददा ह पूछथे,
तोर में का टैलेंट हे,
मैं केहेंव टैलेंट के बात मत कर,
टैलेंट तो अतका हे,
गाड़ी हला के बता देथव,
टंकी में पेट्रोल कतका हे।
रिस्ता केंसल।

दूसर जघा गेंव,
टुरी के ददा ह कथे का करथस?
मैं केहेंव,
वइसे तो पूरा बेकार हव,
मैं एक साहित्यकार अव,
गांव गली चौराहा में कविता सुनाथव,
मनखे के मन बहलाथव,
समय नई मिलय मोला बईठ के सुरताय बर,
अपने मजाक बना लेथव मनखे ल हसाय बर।

टुरी के ददा कथे, मोर बेटी ल काला खवाबे भूखे मारबे का?
मैं केहेंव,
मैं सुने हव, कोनो कवि महोदय कहे हे,
टुरी मन भाव खावत हे,
टुरा मन धोखा खावत हे,
नेता मन पइसा खावत हे,
किसान मन जहर खावत हे,
जवान मन गोली खावत हे,
कोन ह भूखे मरत हे,
एडजेस्ट करके चला लेबो,
हमू मन कही कुछु खा लेबो।
रिस्ता पेर केंसल।

फेर दूसरा जघा गेंव
डोकरा के सवाल,
मोर बेटी ल खुश राखबे?
मैं केहेंव,

रहे बर शासन दे हे आवास,
खुश रखहुँ तै करले बिस्वास।
दु रुपिया किलो वाले चाऊंर ल खाबो,
अउ
लइका मन ल छेरी पठरु सही कोठा में ओइलाबो।

फेर उहि सवाल का बुता करथस?
मैं सोचेंव अईसे में नई बनय,
केहेंव,
भट्टी में कैशियर हव नौकरी सरकारी हे,
फेर एक ठन समस्या हे,
मोर विभाग आबकारी हे।
तोला जियत भर पियाहूं,
जतका कहिबे दारू देवहुँ,

डोकरा ल दारू संग प्यार होगे,
डोकरा मोला अपन दमाद बनाय बर तैयार होगे,
तभो रिस्ता नई होईस

मोला गोठ सुनके, 104 डिग्री के बुखार होगे,
दु दिन बाद पता चलिस,
टुरी दूसर संग फरार होगे।

धर्मेन्द्र डहरवाल
सोहगपुर जिला बेमेतरा

Share
Published by
admin