Shashi Kumar Sharma

मुसवा के बिहाव

मुसवा गनेश भगवान ल कहिस, महाराज मैं तोला कतेक दिन ले बोहे-बोहे गिंजरत रइहौं पेट पीठ में बुता करत-करत मोर… Read More

10 years ago

सरग असन मोर गांव

''लोक कला ल बिगाड़ने वाला कलाकार मन छत्तीसगढ़ जइसे सुंदर राज भारी कलंक आए। फेर कहीथें न कि ''टिटही के… Read More

13 years ago

कहिनी : बेर्रा टूरा बेर्रा टूरा

सहदेव गुरूजी के ओ दिन इसकूल में पहिली दिन रहीस। ओहा पहिली कक्षा में लइका मन के हाजिरी लेवत रहीस।… Read More

13 years ago

कहिनी : करनी दिखथे मरनी के बेरा

सुकवारो अब बस्ती में किंजर-किंजर के साग-भाजी बेचय अउ कुरिया में राहय। ओला एक बात के संतोष रहीस कि ओकर… Read More

13 years ago

दाई अउ बबा के वेलेन्टाइन डे – कहिनी

''सुफेद बबा हा अतेक सुंदर बंसरी बजावय कि ओकर सोर दस कोस ले बगरे रहीस। का रामायन मण्डली, का नाचा… Read More

13 years ago

बकठी दाई के गांव

एती बकठी दाई के मिहनत के हाथ रहीस। ओहा बिहानिया ले रतिहा सुतत तक काहीं न काही बुता करते राहय।… Read More

13 years ago

गांव के गुरूजी – कहिनी

''गांव के गुरूजी कहिस के छोटे-छोटे बात में सरकार के मुंह देखना ठीक नई होवय। सरकार तो हमन ल स्कूल… Read More

14 years ago