शिवकुमार दीपक ह छत्तीसगढी फिलिम अउ लोक कला मंच के स्थापित हास्य कलाकार ए। इंकर कला यात्रा नानपन ले सुरू होगे रिहिस। नानपन म रामलीला, कृष्ण लीला, नाचा देखे बर घर म बिना बताय संगवारी मन संग दूसर गांव चल देत रिहिस। इमन स्कूल नई जाके संगी-साथी मन संग टोली बनाके ककरो सुन्ना घर म लीला अउ नाच के खेल खेलंय। एक समे अइसन आइस जब नागपुर म अखिल भारतीय युवा महोत्सव म ‘जीवन पुस्प’ नाटक के प्रदर्शन करे के मउका मिलिस। देस के पहिली प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ह दीपक के सम्मान करके अभिनंदन पत्र भेंट करे रिहिस।
हास्य-व्यंग्य प्रहसन : शिवकुमार दीपक ह हरित क्रांति, बीस सूत्री, छत्तीसगढी़ महतारी, लमसेना, एक था गांधी, गांधी के तीन बंदर, भिलाई के चक्कर, भइय्या जी आदि म अभिनय करे हावय। इमन महिला पात्र ल निभाय म कुसल कलाकार हें। इंकर रचित हास्य महिला प्रहसन सउत झगरा, फिलिम मया दे मया ले ले, तोर मया के मारे, बंटवारा, देवदास के बिहाव, जोरन आदि म देखे जा सकत हे।
फिलिम म अभिनय : लोक मंच चंदैनी गोंदा, नवा बिहान, सोनहा बिना, हरेली आदि लोककला मंच म हास्य व्यंग्य के प्रहसन म दीपकजी ह अब्बड नांव बटोरिन। मनु नायक ह छत्तीसगढी के पहिली फिलिम ‘कहि देबे संदेस’ म दीपक ल अवसर दीन। शिवकुमार दीपक ह ये फिलिम म 25 बछर के उमर म 60 बछर के बुढवा पुरोहित के भूमिका अदा करिस। ऐकर बदौलत दूसरइया छत्तीसगढी फिलिम ‘घर द्वार’ म मुख्य चरित्र भूमिका मिलिस। इमन मालवी भासा के फिलिम ‘भौदवा माता’ म घलो अभिनय करिन। मोर छंइहा भुइंया, परदेसी के मया, मयारू भोजी, लेडगा नं. एक, कारी, टूरी नं. दस, ये है राम कहानी, बांटा, तीजा के लुगरा, भोला छत्तीसगढिया, टेटकू राम, हल बंदुक (हिन्दी), सीता अउ गांव आजा परदेसी (भोजपुरी) समेत अउ दूसर कईयोन ठन फिलिम म इमन अभिनय करे हावंय। 1964 म कहि देबे संदेस से फिलिम म अभिनय सुरू करइया सिवकुमार दीपक के अभिनय यात्रा अनवरत जारी हावय।
– शेखचंद मेरिया, दुर्ग
[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”]