नाम – सुशील यदु पिता – स्व. खोरबहरा राम यदु
जनम – 10 जनवरी 1965, ब्राह्मणपारा, रायपुर में
पढई लिखई – एम.ए.(हिन्दी साहित्य), बी.टी.
छत्तीसगढी के सुपरिचित साहित्यकार
पहिचान – मंच के लोकप्रिय हास्य व्यं कवि अउ गीतकार
उपलब्धि – सन् 1981 में रायपुर में छत्तीसगढी साहित्य समिति के स्थापना करके ओखर संस्थापक अध्यक्ष । छत्तीसगढी साहित्य समिति के माध्यम ले 1981 ले अब तक सरलग छत्तीसगढी साहित्य के सेवा करत महत्वपूर्ण आयोजन अउ प्रकासन के काम । सन् 1994 से सरलग छत्तीसगढी साहित्य सम्मेलन के गरिमामय आयोजन करवाना । दैनिक नवभारत में लोकप्रिय छत्तीसगढी साप्ताहिक स्तंभ ‘लोकरंग’ के सात बछर ले लेखन । रेडियो, दूरदर्शन अउ बडे पतरिका में कविता, नाटक, व्यंग्य के प्रकासन अउ प्रसारण ।
प्रकाशित कृति – छत्तीसगढी के सुराजी बीर (छत्तीसगढी काव्य गाथा)
लोकरंग भाग 1 (छत्तीसगढी लोककलाकार)
लोकरंग भाग 2 (छत्तीसगढी लोककलाकार)
संपादित कृति – स्व. हेमनाथ यदु : व्यक्तित्व और कृतित्व बनफूलवा (छत्तीसगढी कविता संग्रह)
बगरे मोती (छत्तीसगढी कविता संग्रह)
पिवरी लिखे तोर भाग (बद्री विशाल परमानंद के गीत संग्रह)
हपट परे त हर गंगे (रंगू प्रसाद नामदेव के कविता संग्रह)
ररूहा सपनाय दार-भात (स्व.उधोराम झखमार के हास्य व्यंग्य कविता संग्रह)
निधन – 24.09.2017
गुरतुर गोठ म इंखर सुरता –
सुरता सुशील यदु – अजय ‘ अमृतांशु”
गुरतुर गोठ म इंखर रचना –