भईया, बड़ कीमत के बोल। पानी हे अनमोल॥ पानी ले हे ये जीवन। नदिया, सागर, परबत, बन॥ पानी ले जिनगी… Read More
कहूं नगाड़ा थाप हे, कहूं फाग संग ताल। मेंहदी रचे हाथ म, अबीर, रंग, गुलाल॥अमरईया कोइली कुहकय, मऊहा टपके बन।पिंयर… Read More
स्वाति ह मां ल पोटार के रोय लगिस। थोरिक बेरा म अलग होके कथे। मां मेंहा तोर दुख ल नइ… Read More
सांपसांप! तोला सऊर अभी ले नई आईससहर म बसे के तौर नई आईसपूछत हंव एक ठन बात-जवाब देबे?त कइसे सीखे… Read More
सुरूर-सुरूर हवा चलय, कांपय हाड़ चाम।अब्बड़ सुहाथे संगी, जाड़ के घाम॥गोरसी के आगी ह रतिहा के हे संगी।ओढ़ना-जठना, गरीबहा बर… Read More
मयारू आंखी काजर कस छा रे।बरसा के बादर आ रे॥सुक्खा होगे तरिया, नरवा।बिन पानी के कुंआ, डबरा॥बियाकुल होगे जीव-परानी।सबो कहंय-कब… Read More
मयारू आंखी काजर कस छा रे। बरसा के बादर आ रे॥ सुक्खा होगे तरिया, नरवा। बिन पानी के कुंआ, डबरा॥… Read More
रतिहा के दस बजे के बेरा दसरी डोकरी के खैरपा ल कोनो लाठी मं ठठाइस अऊ जोर-जोर ले गारी देवत… Read More