मन के दीया ल बार

कटय नहीं अंधियार चाहे लाख दीया ल बार होही जगजग ले अंजोर मन के एक दीया ल बार। जाति-धरम भाषा के झगरा बंद होक जाही मया पिरीत के रूंधना चौबंद हो जाही सावन कीरा कस गंजा जाही संसार… सुने म न तो कान पिरावय न देखे म आंखी देख सुन के कर नियाव, निकले मुख अमरित बानी कबीर कहे हे उड़ जय थोथा राहय सुपा में सार… तैंतीस कोटी देवी-देवता अउ कतको धरम-करम खड़-खड़ के भगवान चुनेन नई जानेन हम मरम हर मनखे भगवान के अंशी करले चिटिक सोच विचार……

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मन के दीया ल बार

कटय नहीं अंधियारचाहे लाख दीया ल बारहोही जगजग ले अंजोरमन के एक दीया ल बार।जाति-धरम भाषा के झगरा बंद होक जाहीमया पिरीत के रूंधना चौबंद हो जाहीसावन कीरा कस गंजा जाही संसार…सुने म न तो कान पिरावय न देखे म आंखीदेख सुन के कर नियाव, निकले मुख अमरित बानीकबीर कहे हे उड़ जय थोथा राहय सुपा में सार…तैंतीस कोटी देवी-देवता अउ कतको धरम-करमखड़-खड़ के भगवान चुनेन नई जानेन हम मरमहर मनखे भगवान के अंशी करले चिटिक सोच विचार…कुआं, तरिया, नदी-नरवा, फेर कतको कन हे पियासापगुरा लेयन सब घाट घठौंदा पानी…

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लीम चउरा के पथरा : कबिता

लीम चउरा के पथरा बिकट चिक्कनखड़भूसरा रहिस होगे कइसे बड़ चिक्कनओ तो जानत हवय सबके अन्तर मन। पंच-पटइल बइठ नियाव करिससुन्ता सुम्मत के नवा रद्दा गढ़िस। उधो-माधो के भाग ह खुलिससरकारी योजना म साहेब दूनों के नाव लिखिस। मंगलू बुधियारिन के भांवर परिसइही मेर दूनो झन के पिरित सिरजिस।बिहने ले सांझ होथे गजब तमासाभौंरा-बांटी, बिल्लस तास-तीरी पासा।पुनु रतिहा दिसना दिसाथेधरके कलरकइहा ल दूर फुरसूद सोथे। अनगइहां मन आके इही मेर थिराथेसगा सोदर के पता ठिकाना ल पाथे। गांव भरके मनखे ल कोरा म बिठाथेसब के करू कसा ल अंतस म…

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लीम चउरा के पथरा

लीम चउरा के पथरा बिकट चिक्कन खड़भूसरा रहिस होगे कइसे बड़ चिक्कन ओ तो जानत हवय सबके अन्तर मन। पंच-पटइल बइठ नियाव करिस सुन्ता सुम्मत के नवा रद्दा गढ़िस। उधो-माधो के भाग ह खुलिस सरकारी योजना म साहेब दूनों के नाव लिखिस। मंगलू बुधियारिन के भांवर परिस इही मेर दूनो झन के पिरित सिरजिस। बिहने ले सांझ होथे गजब तमासा भौंरा-बांटी, बिल्लस तास-तीरी पासा। पुनु रतिहा दिसना दिसाथे धरके कलरकइहा ल दूर फुरसूद सोथे। अनगइहां मन आके इही मेर थिराथे सगा सोदर के पता ठिकाना ल पाथे। गांव भरके मनखे…

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जिनगी कइसे चलही राम

सिरावत हे गांव ले जम्मो बुता काम जिनगी कइसे चल ही राम… नागर नंदागे अउ टेकटर ह आगे हसियां हिरागे अउ हरवेस्टर ह छागे चुटकी म नाहकत हे दाउ के काम… मंडल गउटियां सब सहर धरलिस भइया बनिहार ल बनी नहीं, नइए पउनी के पोसइया उजरत हे छइयां जनावत हे घाम… चारों खूंट अंधियार हे नइ मिलय उहर ऊप्पर ले पंचैती लंगरा, घोरत हे जहर सरग सही गांव ह, होवत हे नरक समान आज देखबे गांव त अंधियारी म बुड़त हे इही गांव के सेती सहर जगर-मगर बरत हे भलाई…

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