गांव-गवई म मेला मड़ाई के बढ़ महत्व हे, गांव के देवी-देवता के पूजा-पाठ कर के ओला खुशी अउ उल्लास के… Read More
अब कहा पाबे जी? जुन्ना गांव गवां गे। बिहनिया के उगती सूरज, अउ संझा के छाव गवां गे। दाई के… Read More
अठ्ठारा बछर होगे हे, हमर छत्तीसगढ़ राज ल बने, अउ दस बछर होवत हे छत्तीसगढ़ राज भासा आयोग ल बने।… Read More
तीन नदी के बने पुनय संगम इस्थल राजिम दाई के धाम ह महानदी पैरी अउ सोढुर नदी छत्तीसगढ़ के तीरथ… Read More
बेलासपुर के बिकास के धारा म कुछु छूट गे त ओ हवय अरपा नदी, जो ह बेलासपुर ल जीवन देवइया… Read More
हमर देस म सांस्कृतिक परम्परा के संगे-संग कई प्रकार के सामाजिक कुरीति मन के घलोक भारी भरमार हे, जेमा एक… Read More
जौँहर करथस ओ तहू ह संझा-बिहनिया । अपन कनिहा ल मटका के। घेरी बेरी तोर कजरेरी नैना ल मोर नैन… Read More
विकसित होत गांव शहर हा अपन संस्कृति ला छोड़ के भुलावत जात हे, अब के बेरा म हमर पहली जइसे… Read More
मोर संग नैना तै मिला ले गोरी मोर..... मोर संग नैना तै मिला ले ..... 2 छुटे न तोर मोर… Read More