बाबा गुरु घासीदास के सब्बे मनखे ल एक करे के रहिस हे विचार मनखे मनखे एक समान

हमर बाबा गुरु घासीदास दास के सबले बड़े विचार रहिस हे के सब्बो मनखे एक समान हरे कोनो म भेद भाव ऊंचा नीच के भावना झन रहे तेखरे बर अपन जियत भर ले सब्बो मनखे ल जुरियाये के परयास बाबा गुरुघासीदास ह करिस। बाबा ह सब्बो मनखे के चित्त म मया सत्य अहिंसा अउ शांति ल डारे के परयास हमेशा करिस तेखरे सेती बाबा के प्रतीक चिनहा के रूप म सफेद जैतखाम सब्बो जगह गाडियाये रहिथे। जेन ह सत्य अउ ग्यान के प्रतीक हे कहे जाथे की जेन भी मनखे…

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महानदी पैरी अउ सोढुर तीनो के मिलन इस्थान म लगथे राजिम मेला

तीन नदी के बने पुनय संगम इस्थल राजिम दाई के धाम ह महानदी पैरी अउ सोढुर नदी छत्तीसगढ़ के तीरथ इस्थान कहाथे। जेमा हर बछर माघी पुन्नी म कुलेश्वर महादेव के मंदिर मेर महाशिवरातरी के बेरा म बड़का मेला भराथे। जेन ह अभी के आने वाला समय म कुंभ के बड़का रूप धर ले हे। ये मेला ह हर बछर महाकुम्भ के नाव ले भराथे, अउ पूरा छत्तीसगढ़ म परसीध हे। जेमा देवी गंगा के आरती के बरोबर दाई महानदी के आरती करथे, येखर पूजा करथे, जेखर पूरा वयवसथा सांस्कृतिक विभाग अउ अस-पास के…

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नवा बिहान

हरियर-हरियर भुईया अउ चिड़िया-चिरगुन चहकत हे। नवा बिहान के सुग्घर-सुग्घर अंगना महकत हे। सोनहा कस हे माटी देख कइसन चमकत हे। संगी-संगवारी मन के संग म गुनत हे। लाली-लाली रंग म सुरुज दमकत हे। बगरा के उजियारा अंगना म पसरत हे। नदिया नरवा ह कईसन सुग्घर बोहावत हे। भुईया के अंगल अपन रंग म रंगत हे। सुरूर-सुरूर कहिके बैरी पवन ह चलत हे। महका के माटी ल मोर तन ल छुवत हे। अनिल ‘रामकुमारी’ पाली तारबाहर बिलासपुर। आई टी आई मगरलोड धमतरी 7722906664

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