मन लागा मेरो यार फकीरी में – अनुपम सिंह के गोठ

कबीर के संवेदना ल फकीरी अउ सुफियाना सइली के अपन गीत मं प्रस्तुत करइया भारती बंधु मन कोनो परिचय के मोहताज नई हवय। भारती बंधु कला के क्षेत्र म छत्तीसगढ़ के पहिचान के रूप म जाने जाथे। डा. नामवर सिंह एक पइत भारती बंधु ल संगीत के नवा खोज कहे रहिन। भारती बंधु दल के स्वामी जीडीसी भारती के मानना हे के कबीर ल जिए बिना कबीर ल नई गाए जा सकय। स्वामीजी तिर अनुपम सिंह के गोठ: आपके जन्म कहां होइस, पढ़ाई-लिखाई कहां होय हवय? मोर दादाजी दच्छिन भारत…

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परंपरा के रक्‍छा करत हावय ‘मड़ई’ : डॉ.कालीचरण यादव संग गोठ-बात

परंपरागत रूप म बरसों ले चलत रावत बाजार ल व्यवस्थित करे म डॉ. कालीचरण यादव के योगदान ल सब्‍बो मानथे। सहर के रावत बाजार पूरा देस म अपन अलग पहिचान रखथे। ‘मड़ई’ आज रावत बाजार ले ऊपर सामाजिक गर्व के विसय हो गे हवै। डा. यादव तिर अनुपम सिंह के गोठ. भास्‍कर : मड़ई के बिचार कइसे आइस? डॉ. कालीचरण यादव : रावत नृत्य के बहुत जुन्ना इतिहास हवै। हमर सहर म रावत नाच के समय बाजार बिहाना (बाजार परिक्रमा) के अलग परंपरा रहिस। बाजार के दिन रावत नृत्य दल…

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आवा बचावव लोक कला ल : डॉ. सोमनाथ यादव

बिलासा कला मंच के संस्थापक अउ राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्‍मानित डॉ. सोमनाथ यादव कला अउ कलाकार मन ल बढ़ावा देहे बर जाने जाथे। मंच ह कला के संरक्‍छन के दिसा मं काम करे के संग अइसे रचनाकार मन के किताब ल छापे हवै, जउन ल कोनो नई जानयं। उनखर काम ल देख के शासन हं डॉ. यादव ल छत्‍तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बनाए रहिस। डा. यादव तिर अनुपम सिंह के गोठ.  भास्‍कर : बिलासा कला मंच ल बने २२ बरस हो गे हवै। अतेक साल मं छत्तीसगढ़ी…

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