‘अकासदिया’ के 40वाँ अंक साक्छरता ऊपर निकले हावय। संपादक परदेसीराम वर्मा ह अपन संपादकीय म लिखे हावयं के 12 जनवरी 1990 के दुर्ग जिला म साक्छरता अभियान के जोत जले रहिस हे। जेन ह कला जत्था के माध्यम ले काम करीस। सामुदायिक विकास विभाग दूवारा ग्रामीण विकास एवं प्रौढ़ सिक्छा अउ लोक कला महोत्सव संचालक होवत रहिस हे। एखर बर परदेसीराम वर्मा जी कला जत्था लाए के काम करयं। संपादकीय के माध्यम ले छत्तीसगढ़ म प्रौढ़ शिक्षा के पूरा इतिहास के जानकारी हो जथे। कोन-कोन, कइसे-कइसे जुगत लगा के साक्छरता…
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सरग निसैनी म चघ लइका हांसत हे, बादर ले चंदा झांकत हे
पुस्तक समीक्छा सरग निसैनी (लइका गीत) डॉ. पीसी लाल यादव प्रकाशक- दूधमोंगरा, गण्डई, जिला राजनांदगांव मूल्य-10 रुपए ‘सरग निसैनी’ म लइका गीत के पंक्ति हावय। एक-एक गीत ऊपर गोड़ मड़ावत लइका बुध्दिमानी के सरग तक पहुंच जही। निसैनी के हर पंक्ति लइका के पसंद के हावय। अमली गीत लइका के दिल के गीत आय। झोफ्फा-झोफ्फा अमली ल देख के लइका के हाथ म गोटा आ जथे। लइका त लइका, कोकवा अमली ल देखके सियान के मुंह पंछा जथे। ‘पानी बरसे’ गीत म रूख-राई झूमत हावय, मेचका, टेटका, चिरई, चिरगुन विधुन…
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