Arun Kumar Nigam

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 2 : अरुण कुमार निगम

नवग्रह के पूजा करैं, पूजैं गौरी-गनेस।खप्पर-कलस ला पूज के, काटयं कलह-कलेस।। ओ मईया ......तोर चरण अर्पण करवं, नरियर, मेवा, पान।जय… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 1 : अरुण कुमार निगम

ओ मईया ......मूड़ मुकुट- मोती मढ़े, मुख मोहक-मुस्कान।नगन नथनिया नाक मा, कंचन-कुंडल कान।। ओ मईया ...... मुख-मंडल चमके-दमके, धूम्र विलोचन… Read More

13 years ago

अप्रैल फूल के तिहार

हमर देस मा तिहार मनाये के गजब सऊँख। सब्बो किसिम के तिहार ला हमन जुरमिलके मनाथन। तमाम जातपात, धरम-सम्प्रदाय के… Read More

13 years ago

अरुण कुमार निगम के गीत : नइ भूलय मिट्ठू तपत कुरु ….

आई लव यू.........आई लव यू....तयं बोल रे मिट्ठू , आई लव यू....तपत कुरु के गये जमानाबोल रे मिट्ठू - आई… Read More

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अरुण निगम के छत्तीसगढी गीत : मन झुमै ,नाचे ,गावै रात-दिन

मया के पहिली-पहिली चघे हे निसा,मन झुमै , नाचै , गावै रात - दिन.आवत हे,साँस-साँस जीए के मजा,मन झुमै ,… Read More

13 years ago

अरुण कुमार निगम के छत्तीसगढी गीत : चले आबे नदी तीर मा …..

खन-खन बाजे चूरी , छन - छन बाजे पैरी ,हाय ! दूनों होगे बैरी,कइसे आवंव नदी तीर-मा ?चूरी - ला… Read More

13 years ago