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दोहा

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 2 : अरुण कुमार निगम

नवग्रह के पूजा करैं, पूजैं गौरी-गनेस। खप्पर-कलस ला पूज के, काटयं कलह-कलेस।। ओ मईया …… तोर चरण अर्पण करवं, नरियर, मेवा, पान। जय अम्बे, जगदम्बे मा, जग के कर कल्यान।। ओ मईया …… मन बिस्वास के आरती, सरधा-भक्ति के फूल। अर्पित हे तोर चरण मा, हाँस के कर ले कबूल।। ओ मईया …… अगर-कपूर के […]

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दोहा

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 1 : अरुण कुमार निगम

ओ मईया …… मूड़ मुकुट- मोती मढ़े, मुख मोहक-मुस्कान। नगन नथनिया नाक मा, कंचन-कुंडल कान।। ओ मईया …… मुख-मंडल चमके-दमके, धूम्र विलोचन नैन। सगरे जग बगराये मा, सुख-संपत्ति,सुख-चैन।। ओ मईया …… लाल चुनर, लुगरा लाली, लख-लख नौलख हार। लाल चूरी, लाल टिकुली, सोहे सोला सिंगार।। ओ मईया …… करधन सोहे कमर मा, सोहे पैरी पाँव। […]

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व्यंग्य

अप्रैल फूल के तिहार

हमर देस मा तिहार मनाये के गजब सऊँख। सब्बो किसिम के तिहार ला हमन जुरमिलके मनाथन। तमाम जातपात, धरम-सम्प्रदाय के तिहार मन ला एकजुट होके मनाये के कारन सांप्रदायिक सदभाव अउ एकता के नाम मा हमर दुनिया में अलगेच पहिचान हे। तिहार मनाये बिना हमर बासी-भात तको हजम नई होवय। तिहार मनाये के सऊँख मा […]

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गीत

अरुण कुमार निगम के गीत : नइ भूलय मिट्ठू तपत कुरु ….

आई लव यू………आई लव यू….तयं बोल रे मिट्ठू , आई लव यू….तपत कुरु के गये जमानाबोल रे मिट्ठू – आई लव यू….. राम-राम के बेरा -मा, भेंट होही तो गुड मार्निंग कहिबेए जी,ओ जी झन कहिबे,कहिबे तो हाय डार्लिंग कहिबेसबो पढ़त हे इंग्लिश मीडियमतयं काबर रहिबे पाछू …..आई लव यू………आई लव यू….तयं बोल रे मिट्ठू […]

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कविता

अरुण निगम के छत्तीसगढी गीत : मन झुमै ,नाचे ,गावै रात-दिन

मया के पहिली-पहिली चघे हे निसा,मन झुमै , नाचै , गावै रात – दिन.आवत हे,साँस-साँस जीए के मजा,मन झुमै , नाचै , गावै रात – दिन. अपने आप हांसत हौं,अपने आप रोवत हौं,आनी-बानी रँग-रँग के , सपना संजोवत हौं.पिया के ! घेरी – बेरी आवय सुरता…मन झुमै , नाचै , गावै रात – दिन . […]

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कविता

अरुण कुमार निगम के छत्तीसगढी गीत : चले आबे नदी तीर मा …..

खन-खन बाजे चूरी , छन – छन बाजे पैरी ,हाय ! दूनों होगे बैरी,कइसे आवंव नदी तीर-मा ? चूरी – ला समझा दे अउ ,पैरी – ला मना ले ,मेंहदी -माहुर लगा के ,चले आबे नदी तीर-मा. बैरी ! मान गे हे चूरी अउ चुप होगे पैरी ,अब आँखी भेद खोले, कैसे आवँव नदी तीर-मा […]