Asha Deshmukh

छंद : मदिरा सवैया

1--हे गणराज करौं बिनती ,सुन कष्ट हरो प्रभु दीनन के । रोग कलेश घिरे जग में,भय दूर करो सबके मन… Read More

6 years ago

लघु कथा : पितर नेवता

आवव पितर हो आज तुंहर बर बरा सोंहारी तसमई बने हे, का होइस पहिली तुमन ला खाय बर नइ मिलिस… Read More

7 years ago