मोर गांव के फूल घलो गोठियाये : श्रीमती आशा ध्रुव

मोर गांव के फूल घलो गोठियाये। बड बिहनियां सूरूज नरायन मया के अंजोर बगराये। झुमे नाचे तरियां नदिया फूले कमल मुसकाये। नांगर बईला धर तुतारी मोर किसनहा जाये। मोर गांव के फूल घलो गोठियाये…… मोगरा फूले लाई बरोबर मोती कस हे चक ले सुघ्घर कुआं पार बारी महमहाये तनमन ला ये ह सितलाये। उंच नीच के डोढगा पाट ले अंतस मन ला कर ले उज्जर। मोर गांव के …….. गोंदा फूले पिवरा पिवरा पाटी मार खोपा मा खोचे। चटक चदैंनी अंगना मा बगरें खूंटधर अंगना ह लिपाये। पैरी बाजे रूनुक…

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