छत्तीसगढ़ी उपन्‍यासों में सामाजिक चेतना

शोधकर्ता: सेमसन, अशोक कुमार गाइड : शर्मा, शीला कीवर्ड: छत्तीसगढ़ी चेतना पूर्ण तिथि: 2012 विश्वविद्यालय: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ी उपन्यासों में सामाजिक चेतना अनुक्रमणिका प्राक्कथन अध्याय 01 छत्तीसगढ़ राज्य : एक परिचय 1.1 प्रस्तावना 1.2 छत्तीसगढ़ राज्य का उदय 1.3. स्थिति एवं विस्तार 1.4. सामाजिक परिवेश 1.5. सांस्कृतिक विरासत 1.6. ऐतिहासिक धरोहर 1.7 छत्तीसगढ़ी लोकभाषा और लोक साहित्य 1.8 छत्तीसगढ़ी का अभ्युदय एवं भौगोलिक परिसीमा 1.9 छत्तीसगढ़ का नामकरण 1.10 छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक भूमि 1.11 छत्तीसगढ़ी साहित्य का सामान्य परिचय 1.12 छत्तीसगढ़ी लोकसाहित्य 1.13 संदर्भग्रंथ अध्याय 02 उपन्यास 2.1…

Read More

दाई अऊ बेटी

आज वोहा रयपुर के एक ठन परायवेट अस्पताल मा भरती हे। अपन सवास्थ ल ठीक करत हे। वो दिन मेहा अपन घरवाली के संग ओला देखे बर गे रेहेंव। वो हा हम दूनों ल देख के बड़ खुस होगे। आज वोकर अपरेसन होए छ दिन बीत गे हावय। हमन वोला पूछेन अउ कतका दिन ए अस्पताल म तोला राखिहीं। नई जानव। मोला कतका दिन ए अस्पताल म राखहीं। हेमा हा रोवत रोवत गोठियावत रिहिस, मेहा अपन टुरी बेटी ल अतका दिन होगे नइ देखे हंव। मोला अपन कांही संसो-फिकर नइए।…

Read More

31 मार्च सुरता : शांति दाई

अपन दाई के सुमिरन कर अपन मन म कतको परसन मन ला सोचत हे। दाई के जाय के पाछू जम्मो परिवार का छितिर-बितर हो जाथे। ओला पोटारे बर अब कोन हे जेन हा ओ मन ला संभालत राहय, अपन मया के अंचरा मा गठिया के रखय, ते हा अब कहां है कोन कोती चले गे, काबर गिस, का फेर लहुट के आही। आज अशोक हा बिन दाई के लइका होगे हे। ओकर संगे संग ओकर जम्मो दू भाई अउ दू बहिनी मन हा घलो बिन दाई के होगे। बड़ दु:ख…

Read More

जानबा

ये दिन हा कतका धन्य हे के 14 फरवरी 2010 दिन इतवार म महावर धरमसाला धमतरी के बडक़ा ठउर म छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर (छत्तीसगढ़) के सवजन ले 14वां वार्षिक साहित्य सम्मेलन 2010 के आयोजन करे गिस। ये सम्मेलन के रद्दा सबो साहित्यकार जुन्ना अउ नवा सन देखत रहिथे। एक बछर पाछू अइसन समागम बने महत्तम के होथे। ये दिन जम्मो छतीसगढ़ी राज ले डेढ़ सौ साहित्यकार मन एक ठउर म सकला के अपन-अपन गरिमामय उपस्थिति के संग अइसे लागत राहय जइसन हमर साहित अगास म चंदैनी मन जग-जग, झग-झग…

Read More

14 वां वार्षिक साहित्य सम्मेलन 2010

ये दिन हा कतका धन्य हे के 14 फरवरी 2010 दिन इतवार म महावर धरमसाला धमतरी के बडक़ा ठउर म छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर (छत्तीसगढ़) के सवजन ले 14वां वार्षिक साहित्य सम्मेलन 2010 के आयोजन करे गिस। ये सम्मेलन के रद्दा सबो साहित्यकार जुन्ना अउ नवा सन देखत रहिथे। एक बछर पाछू अइसन समागम बने महत्तम के होथे। ये दिन जम्मो छतीसगढ़ी राज ले डेढ़ सौ साहित्यकार मन एक ठउर म सकला के अपन-अपन गरिमामय उपस्थिति के संग अइसे लागत राहय जइसन हमर साहित अगास म चंदैनी मन जग-जग, झग-झग…

Read More