छत्तीसगढ़ गौरव के रचियता पंडित शुकलाल पांडेय

 प्रो. अश्विनी केशरवानी भव्य ललाट, त्रिपुंड चंदन, सघन काली मूंछें और गांधी टोपी लगाये सांवले, ठिगने व्यक्तित्व के धनी पंडित शुकलाल पांडेय छत्‍तीसगढ़ के द्विवेदी युगीन साहित्यकारों में से एक थे.. और पंडित प्रहलाद दुबे, पंडित अनंतराम पांडेय, पंडित मेदिनीप्रसाद पांडेय, पंडित मालिकराम भोगहा, पंडित हीराराम त्रिपाठी, गोविंदसाव, पंडित पुरूषोत्‍तम प्रसाद पांडेय, वेदनाथ शर्मा, बटुकसिंह चौहान, पंडित लोचनप्रसाद पांडेय, काव्योपाध्याय हीरालाल, पंडित सुंदरलाल शर्मा, राजा चक्रधरसिंह, डॉ. बल्देवप्रसाद मिश्र और पंडित मुकुटधर पांडेय की श्रृंखला में एक पूर्ण साहित्यिक व्यक्ति थे। वे केवल एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक…

Read More

आठे कन्हैया – 36 गढ़ मा सिरि किसन के लोक स्वरूप

– प्रोफेसर अश्विनी केसरबानी छत्तिसगढ़ मा तेरता जुग अऊ द्वापर जुग के किसिम किसिम के बात देखे अऊ सुने बर मिलथे। ये हमर सब्बो छत्तिसगढ़िया मन के सउभाग्य हवे कि अइसे पवित भुइंया म हमर जनम होये हवे अउ इहां रहत हवन। इहां जगह जगह म राधा किसन के मंदिर हवय जेकर दरवाजा म गरूण जी हाथ जोरे बइठे दिखते। इहां के छोटे बड़े, अमीर गरीब अउ जंगल म रहवाइया आदिवासी मन के मन म ओखर प्रति अगाध सरधा हवय। सबके मन म सिरि किसन के लोक स्वरूप के कल्पना…

Read More

चारो जुग म परसिद्ध सिवरीनरायन

प्रोफेसर अश्विनी केसरवानी सिवरीनरायन छत्तीसगढ़ के नवा जिला जांजगीर-चांपा म महानदी के खड़ में बसे जुन्ना, पबरित अउ धारमिक तीरथ हवे। ऐला आज सब्बो झन जानथे। इहां शिवनाथ अउ जोंक नदिया ह महानदी में मिलके पबरित अउ मुक्ति देवइया संगम बनाथे। इहां मरइया मन ल अउ ओखर हड्डी ल सेराये ले मुक्ति मिल जाथे। अइसने पोथी पुरान में घलोक लिखाय हे। ऐकरे बर इहां मरइया मन के हड्डी से सेराय बर अड़बड़ झन आथे अउ पिंडा पानी पारथे। महानदी के अड़बड़ महत्ता हे। जुन्ना सिवरीनरायन महात्तम ल पंडित मालिकराम भोगहा…

Read More

पीथमपुर के कलेसरनाथ : भोला बबा के महत्तम

हसदो नदिया के तिर म कलेसरनाथ भगवान। दरसन जउन ओखर करिहि, आ बइकुंठ जाही।। – प्रोफेसर अश्विनी केसरवानी छत्तिसगढ़ प्रांत म घलो बड़कन जियोतिरलिंग जइसन काल ल जितवइया भोला बबा के मंदिर-देवालय हवय जेखर सावन म दरसन, पूजा-पाठ अउ अभिसेक करे म सब पाप धुल जाथे। अइसनहे एक ठन मंदिर जांजगीर-चापा जिला म हसदो नदिया के तिर म बसे पिथमपुर म हवय। सावन महिना म, महासिवरात्रि म अउ चइत परवा से अम्मावस तक 15 दिन इहां मेला भरथे अउ धूल पंचमी के दिन इहां भोला बबा के बरात निकलथे जेला…

Read More

रामनौमी तिहार के बेरा म छत्तिसगढ़ में श्रीराम

-प्रोफेसर अश्विनी केसरवानी आज जऊन छत्तिसगढ़ प्रान्त हवय तेखर जुन्ना गोठ ल जाने बर हमन ल सतजुग, तेरताजुग अऊ द्वापरजुग के कथा कहिनी ल जाने-पढ़ेबर परही। पहिली छत्तिसगढ़ हर घोर जंगल रहिस। इहां जंगल, पहाड़, नदी रहिस जेखर सुघ्घर अउ सांत बिहनिया म साधु संत इहां तपस्या करय। इहां जंगली जानवर अउ राक्छस मन भी रहय जऊन अपन एकछत्र राज करे बर साधु संत मन डरावंय अऊ मार डारय। इकर बाद भी ये जगह के अड़बड़ महत्ता होय खातिर साधु संत मन इंहा रहय। इहां बहुतअकन साधु संत मन के…

Read More