माथा के पसीना

रुकना नही हे थमना नही हे पांव के भोमरा ल देखना नही है मन्ज़िल अगोरत हे रस्ता तोर सुरताना नही हे,घबराना नही है धीरे धीरे चल के कछुवा खरहा ल हरवाइस हे, सोवत रहिगे केछुवा बपुरा अड़बड़ पछताइस हे।। अभी मिलिस असफलता तोला हिम्मत से तै काम कर। उदम कर कमर कस के मत बैठ तैं हार कर।। तोला अगोरे उजियारी बिहिनिया मेहनत के बून्द गंवा ले, कल होही जगमग रथिया तोर जिनगी ल सँवार ले।। ठान ले छत्तीसगढ़ के मनखे मन ले कभू मत हारो जी बून्द बून्द ले…

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गांव के पीरा

गांव ह गंवागे हमर शहर के अबड़ देखाई मा। मया अउ पीरा गंवागे सवारथ के सधाई मा।। सोनहा हमर भुइयां गवांगे कारखाना के लगाई मा। दुबराज धान के महक गंवागे यूरिया के छिंचाई मा। ममा मामी कका काकी गंवागे अंकल आंटी कहाई मा सुआ नाच के गीत गंवागे डी जे के नचाई मा।। बिसाहू भाई के चौपाल गंवागे टी वी के चलाईं मा। किसान मन के ददरिया गंवागे चाइना मोबाइल धरई मा। पहुना मन के मान गंवागे राम रहीम के गोठ गंवागे आपस के लड़ाई मा, सुघ्घर हमर संस्कार गंवागे…

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छत्तीसगढ़ महतारी

बड़े बिहनिया उठ जा संगी खेत हमर बुलावत हे, पाके हावय धान के बाली महर महर महकावत हे। टप टप टपके तोर पसीना माथा ले चुचवावत हे, तोर मेहनत ले देखा संगी कई झन जेवन पावत हे। ये धरती ह हमर गिंया सबके महतारी ये कोरा म रखके सब ल पोषय एहि हमर जिंदगानी ये। अपन करम ले सरग बनाबो माटी हमर चिन्हारी ये बड़े भाग ले जन्म मिलिस छत्तीसगढ़ महतारी ये। अविनाश तिवारी

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मनखे गंवागे

मनखे गंवागे गांव के शहर के देखाईं म गांव भुलागे स्वारथ के अंधियारी खाईं म।। इरिषा अनदेखना बाढ़ गे डाह धरिस हितवाही म। पिरीत परेम के दिया बुतागे, आग लगिस रुख राई म। खेत खार ह परिया होगे यूरिया के छिचाई म मनखे गंवागे शहर म जाके अंधाधुंध कमाई म। पहुना के सम्मान गंवागे नारी के अधिकार लुटागे। नदिया तरिया के गुरतुर पानी भाखा के मिठास गंवागे। पुरखा के संस्कार गंवागे अंगना के बंटवाई म संगी मितान के विश्वाश गंवागे भेद के दहरा खाइ म मेला मड़ई के झुला गवांगे…

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हमर छत्तीसगढ़

गुरतुर हमर भाखा सिधवा हमर चाल हे। ऐ छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल हे…….2। अरपा पैरी हसदो के निरमल सुघ्घर पानी हे। महानदी हे पुण्य सलिला एहि हमर जिंदगानी हे। ये भुइयां के बात अलग हे…2 राम के इहाँ ननिहाल है मोर छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल के…2। नदिया नरवा झिरिया म देवता धामी बइठे है। रुख राई के पांव पखारेन सब म ईश्वर देखे हे। जम्मो कोती हे भाईचारा…2 नही कोई जंजाल हे मोर छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल के…2। घर म आइन पहूना पाठी मिलथे बड़ सम्मान जी ठेठरी खुरमी कडुवा पपची हमन के…

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