आज बड़े मुंदरहा गुरू जी के नींद उचटगे। अलथी-कलथी देवत बिहिनिया होगे। जइसे कुकरा बासिस, गुरू जी हर रटपट उठ… Read More
रोजा रखना फाका रखना नो हे, बल्कि येमा अल्लाह के अराधना, लोगन ले सद् बेवहार करना अउ गुनाह ले बचे… Read More
तरिया-नरवा, घाट-घटौदा, सुग्घर बर के छाँव हवे हाँसत-कुलकत दिखथे मनखे अइसन सुग्घर गाँव हवे। खेत-खार हे हरियर-हरियर सुग्घर बखरी-बारी हे… Read More
इही ल कहिथे मितानी संगी बनथे जउन ह छानी संगी। दुख के घड़ी म आँसू पोंछय ओकर गजब कहानी संगी।… Read More
जउन हर सत्ता धारी हे। उही मन तो बैपारी हे। जिनकर डमरु बजात हावै, सही मा ओ ह मदारी हे।… Read More
कइसे मा दिन बढ़िया आही। कइसे रतिहा अब पहाही। गाए बर ओला आय नहीं, कइसे ओ हर ताल मिलाही। बिन… Read More
झन फँसबे माया के जाल, सब के हावै एके हाल। कतको तैं पुन कमाले, एक दिन अही तोरो काल। कौनो … Read More
जावन दे तैं घर छोड़ दे नोनी अब तो मोला जावन दे तैं घर। छेरी-पटरू लुलवावत होही बिन चारा-पानी के… Read More
संत परंपरा के मनखे मन जन-चेतना के बिकास म अपन योगदान दे के समाज ल एक नवा दिसा देथे। समाज… Read More
सपना कहाँ-कहाँ ले आथे सपना। झुलना घलो झुलाथे सपना। छीन म ओ ह पहाड़ चढ़ाथे, नदिया मा तँऊराथे सपना। जंगल… Read More