Baldau Ram Sahu

छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल

थोरकिन तँहू जोहार बबा। बाँटत हावै सरकार बबा। दीही कहिथें बोनस अड़बड़ हाँथ ल अब बने पसार बबा। घर-घर मा… Read More

6 years ago

गाँव रहिस सुग्घर, अब शहर होगे

बोली अउ भाखा हर जहर होगे, गाँव रहिस सुग्घर, अब शहर होगे। दिनो -दिन बाढ़त हे मंहगाई हर, मुश्किल अब्बड़… Read More

6 years ago

छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल

आस लगा के बइठे हावस, हमरों कौनो पूछइया हे, जेन बेटा ला पाले-पोसे, परान उही लेवइया हे। खोर्रो मा सुतेस… Read More

6 years ago

छत्तीसगढ़ी गज़ल

सब्बो मतलबी यार होगे। तब्भे तो बंठा - धार होगे। मनखे मन मनखे ला मारिस इज्जत हर तार-तार होगे। धर… Read More

6 years ago

छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल

रद्दा मा काँटा बोवइया मन हर, सूरुज ला जीभ देखइया मन हर। देखौ, बिहनिया के सूरुज आगे, हरदम आँसू बोहइया… Read More

6 years ago

ग़ज़ल

झपले तैं आ जा मोर कना, अंतस ला समझा मोर कना. सबके जिनगी मा सुख-दुख हे, पीरा ला भुलिया मोर… Read More

6 years ago

नवगीत : अगर न होतेन हम

करिया-करिया बादर कहिथे अगर न होतेन हम। धरती जम्मो बंजर होतिस जल हो जातिस कम। हमर आए ले तरिया-नरवा जम्मो… Read More

6 years ago

ग़ज़ल : गुलेल

हम बेंदरा अन, उन मंदारी लागत हावैं, धरे गुलेल हे, बड़े सिकारी लागत हावैं। हमरे इहाँ कौनो पूछइया हावै काँहाँ,… Read More

6 years ago

ग़ज़ल : गीत ग़ज़ल ल गावत हावस

गीत ग़ज़ल ल गावत हावस, का बात हे? सच दुनिया के जानत हावस, का बात हे? अंतस मा तो पीरा… Read More

6 years ago

बलदाऊ राम साहू के गज़ल

गोरी होवै या कारी होवै। सारी तब्भो ले प्यारी होवै। अलवा-जलवा राहय भले जी एकठन हमर सवारी होवै। करन बड़ाई… Read More

6 years ago