छत्तीसगढ़ के तीज-तिहार, संस्कार अउ परंपरा म चारो मुड़ा भाव के प्रधानता दिखथे। हर परंपरा म कुछु न कुछु भाव समाय होथे। जब ये परंपरा मन ल ख्रगाहाल के देखथन तब हम अचरज म पड़ जाथन कि हमर पुरखा मन के मन म अतका सुग्घर भाव कहाँ अउ कइसे आइस होही। परंपरा म भाव ल समोना अपन आप म बड़का बात हे। ये सब परंपरा म परेम, स्नेह, श्रध्दा अउ समन्वय के भाव दिखथे। मनखे ल मनखे के मतलब बताथे। एक दूसर के सुख-दुख म भागीदारी होना ही मनखे होय…
Read MoreTag: Baldau Ram Sahu
महतारी के मया
मातृत्व दिवस के बात आइस त मोला बचपन म देखे एकठन नाचा के गम्मत हर सुरता आगे। ओ गम्मत के भाव रहिस कि माँ हर बेटा ल अड़बड़ माया करय। माँ के लालन-पालन, मया-दुलार म बेटा हर सज्ञान होगे। सज्ञान बेटा ल एक झन लड़की ले पियार होगे त ओ बेटा हर ओ लड़की ले बिहाव करना चाहिस। लड़की कहिस- मँय तोर संग तभे बिहाव करहूँ जब तँय तोर महतारी के करेजा ल लाके मोला देबे। पियार म पागल लड़का अपन माँ ल मारके जब ओकर करेजा ल लेगत रहिस…
Read More