बोले मं परही चटकन तान, देख रे आँखी सुन रे कान। दही के भोरहा कपसा खायेन। गजब साल ले धोखा… Read More
सुन संगवारी मोर मितान, देस के धारन तंही परान हरावय करनी तोर महान, पेट पोसइया तंही किसान कालू बेंदरुवा खाय… Read More
अइसन दिन आये हे काँही झगरा नवां झन बिसाव जी। निकरत ले काम, लेवना लगाय जी। अब अइसन दिन आये… Read More