छत्तीसगढ़ी लोककथा : राजा के मया

एकठन राज मा एक राजा के बने-बने राजकाज चलत रहय। तइसने मा राजा ला एक मिट्ठू ले मया हो जाथे। राजा मिट्ठू बर बढ़िया सोना-चांदी रत्न ले गढ़े fपंजरा बनवाइस अऊ मिट्ठू ला पिंजरा मा धांध दिस। राजा मिट्ठू के मया मा रोज, दिन मा तीन बार मिट्ठू ला देखे बर आय अऊ अपन हाथ ले बिहिनिया, संझा खाना खवाय। राजा ला मिट्ठू बर अतेक मया करत देख के राज दरबारी अऊ परजा मन गुनें ला लागय कि अइसने मा राजा के काम-काज कइसे चलही ? फेर राजा ला कोन…

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