मेला घुमाई दे

ए जोड़ीदार,चल मोला मेला घुमाई दे। राजिम धाम के संगम मा, मोला डुबकी लगाई दे।। ए जोड़ीदार…. लगे हावय मोला आसा,महुँ चली देतेंव। महानदी के धारी मा,तन डुबोई लेतेंव।। राजिम लोचन स्वामी ला, पान अउ सुपारी चढ़ाई दे। ए जोड़ीदार….. महादेव कुलेश्वर हा,नदिया बीच पधारे हे। चारों मुड़ा लगे रेला,अपन रूप पसारे हे।। जघा जघा साधू संत बिराजे, अमरित बानी सुनाई दे। ए जोड़ीदार….. पावन भुइयाँ राजिम,एला कइथे प्रयाग। इहाँ पापी तरतहे,दुःख जाथे गा भाग।। चुरुवा भर संगम के जल, महादेव मा चढ़ाई दे। ए जोड़ीदार…… बोधन राम निषाद राज…

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गीत – बाँसुरिया के तान अउ सूना लागे घर अँगना

बाँसुरिया के तान बाँसुरिया के तान मा, नचावय कन्हैया। राधा रानी घलो नाचै,बजावै पैजनियाँ। बाँसुरिया के……….. माई जसोदा मोर, दही ला गँवाडारिस। गोप गुवालीन मन, सूध भुला डारिस।। रद्दा ला छोड़ कहाँ, जावत हे जवईया। बाँसुरिया के……….. गईया चरावत सबो,खेले सब ग्वाला। पनिया भरत छेड़े, दिखे भोला भाला।। पनघट आय फोरे, पानी के गघरिया। बाँसुरिया के………… चिरई चुरगुन घलो, धुन मा मोहाय हे। तोर बँसरी राधा के, मन मा समाय हे।। देख लीला कान्हा के, मन मा बसईया। बाँसुरिया के……….. सूना लागे घर अँगना सूना लागे घर अँगना, दुवार सजना।…

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छेरछेरा अब आगे

पूस महिना पुन्नी आगे,छेरछेरा अब आगे। सुनलव मोर भाई, धरम करम अब जागे। पूस महिना पुन्नी आगे…….. होत बिहनिया देखौ,लईका सकलावत हे। कनिहा बाँधे घाँघरा,आँखीं मटकावत हे।। देदे दाई ददा देदव, तोर कोठी हा भरागे। पूस महिना पुन्नी आगे…….. मुठा मुठा धान सकेलय,टुकनी हा भरथे। छत्तीसगढ़ी संस्कार हवै,माने ला परथे।। छेरछेरा तिहार मनावे,भाग घलो लहरागे। पूस महिना पुन्नी आगे…….. देखव जी चारों मुड़ा,घाँघरा बने बाजत हे। बोरा चरिहा मुड़ मा,बोहे ख़ुशी मनावत हे।। छेरछेरा नाचत दुवारी,खोंची खोंची मांगे। पूस महिना पुन्नी आगे……… बोधन राम निषाद राज सहसपुर लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.) [responsivevoice_button…

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गीत-नवा बछर के

नवा बछर के नवा बिहनिया,हो….. नवा सुरुज अब आगे। आवव संगी जुरमिल चलबो, अँधियारी हा भगागे।। नवा बछर के…….. सुरूर सुरूर पुरवईया चलतहे, मन मा आस जगावत हे। नवा काम बर नवा सोंच लव, नवा भाग लहरावत हे।। मन हरियागे तन हरियागे….हो….. मन हरियागे तन हरियागे, खुशहाली अब छागे। नवा बछर के……….. दिन दुगुना अब महिनत कर लव, पथरा फोर कमा लव। नवा जमाना देखत रहि जाय , दुःख पीरा बिसरा लव।। जाँगर पेरव छींचव पसीना….हो…. जाँगर पेरव छींचव पसीना, गंगा एमा समागे। नवा बछर के……….. बिसरे गोठ ला झन…

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बोधन राम निषाद राज के तीन छत्‍तीसगढ़ी गीत

1. पनिया भरन खातिर पनिया भरन खातिर, जावय सगरी।। छोटे छोटे हाथ मा, धरे छोटे गघरी।। जमुना के तीर खड़े,जोहत सईया। रसता ल देखय, मया के करईया।। कदम के डार तरी, बाजय बँसरी। पनिया भरन खातिर……………. वृन्दाबन के छोरा,बरसाना के छोरी। रास रचाए ब्रज में, नाचे गोपी गोरी।। गइया पाछू घुमे बन मा, ओढ़े खुमरी। पनिया भरन खातिर……………. लाज शरम छोड़े,नाता निभाए बर। किशन मुरारी संग, दिन पहाए बर।। सुध ला बिसार डारे, राधा बपरी। पनिया भरन खातिर……………. 2. मेहनत हे भगवान मेहनत हे पूजा अउ, मेहनत हे भगवान। मेहनत…

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मोर सोन चिरईया अउ मोहन के बाँसुरिया : गीत

मोर सोन चिरईया हाय रे मोर सोन चिरईया। परत हँव मँय तोर पईया।। जिनगी हा मोरे हे उधार। हो जाही तन हा न्योछार।। उगती के हे सुरुज देखव, दाई तोर बिंदिया बरोबर। डोंगरी पहाड़ मा छाए, हरियर हे लुगरा बरोबर।। अरपा अउ पैरी के धारी। गंगा कस नदिया प्यारी।। गोड़ ला धोवत हे तुम्हार। पावन धुर्रा ले तोर सिंगार।। हाय रे मोर सोन चिरईया। जिनगी हा ……………… आमा के मउर हा झुले, कुहु कुहु कोयलिया बोले। मन मोरो नाचय गावय, हिरदे मा अमरित घोले।। फुलवा परसा के लाली। होगेंव मँय…

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हाय मोला मया लागे अउ रतिया तँय पूस के

हाय मोला मया लागे हाय ओ …हाय मोला मया लागे ओ…. मिरगी कस रेंगना मोला मया लागे ओ.. हाय रे…हाय मोला मया लागे रे… झुलुप वाले बइहा मोला मया लागे रे… हिरदे मोर तँय हा,कहाँ ले समाए ओ। बइहा बनाई डारे,जादू तँय चलाए ओ।। रद्दा बताए मोला,दया लागे ओ….. हाय ओ…हाय मोला……. ए रे कजरारे बलम ,मन मोर भाए तँय। पान खवाके मोला,कइसे भरमाए तँय।। पिरीत लगाए मोला,नया लागे रे… हाय रे….हाय मोला ………… गाँव के चिरईया तहीं,मन ला लगाए तँय। मैना कस बोली मा,तन ला जलाए तँय।। कनिहा हलाए…

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बोधन राम निषाद राज के तीन गीत

1. मोर कान्हा तरसाई डारे मोर कान्हा तँय जीव ला, तरसाई डारे। बिन मारे मँय तो मर गेंव, भुलाई डारे।। मोर कान्हा तँय जीव ला … ओ जमुना के तीर अउ,कदम के छइहाँ। झुलना झुलाए डारे, जोरे दूनों बइहाँ।। बही होगेंव का मोहनी ला, खवाई डारे। मोर कान्हा तँय जीव ला … आँखीं मा मोरो तँय हा, कबके समाए। सुरता मा मोला तँय हा, गजबे रोवाए।। हिरदे के कुरिया बइठे, बँसी बजाई डारे। मोर कान्हा तँय हा जीव ला … कुँज गलियन मा कान्हा, बृंदाबन मा। माखन चोर तँय हा,…

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बोधन राम निषाद राज के गीत

ए माटी हा चन्दन हे ए माटी मा हीरा मोती,ए माटी हा चन्दन हे। मोर छत्तीसगढ़ माई,एला सौ सौ बंदन हे।। ए माटी मा हीरा मोती……………. जनम धरेंव खेलेंवे कूदेंव,ए माटी के अँगना। धुर्रा माथा मा लगायेंव,भाई बहिनी सँगना।। भरे कटोरा धान के, कोठी ढोली कुंदन हे। ए माटी मा हीरा मोती……………. मोर गँवई गाँव सबो, तीरथ चारों धाम हे। सेवा करबो मेवा पाबो,कोरा मा आराम हे।। घर मुहाटी डोकरी दाई,देखै बइठे दर्पन हे। ए माटी मा हीरा मोती…………….. पावन छत्तीसगढ़ के भुईयाँ,माई हा बिराजे। गाँव मा ठाकुर देवता, शीतला…

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मीठ बोली हे मैना कस

मीठ बोली हे मैना कस,भाखा छत्तीसगढ़ी। बने बने गोठियालौ संगी,सबके मन बढ़ही।। हो हो हो…….. सुआ अउ ददरिया के, गुरतुर मिठास हे। कोयली बोले मैना अउ,पड़की के आस हे।। जरन दे जरइया ला,ओखर छाती जरही। मीठ बोली हे मैना कस…….हो हो हो…. करमा में झूमय सबो, बने माढ़े ताल हा। पागा में कलगी खोंचे,थिरकतहे चाल हा।। झमाझम मांदर बाजे,संगे संग मा झुलही। मीठ बोली हे मैना कस…….हो हो हो…. छत्तीसगढ़िया मोर तैं,भाई हस किसान गा। सुख दुःख के संगी मोर,हितवा मितान गा।। जाँगर के पेरइया संग, कोन इहाँ लड़ही। मीठ…

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