मोला नीक लागे जी,हमर भासा-बोली । पुरखा के सिरजाये,हंसी अउ ठिठोली ।। मोला नीक लागे जी……….. गुरतुर मिठास हावै,बोली अउ जुबान मा। कतको परदेशिया, रिझगे गा ईमान मा।। बोली छत्तीसगढ़िया ,भरे मिठ झोली । मोला नीक लागे जी…………… बनत हावै भासा जी, छत्तीसगढ़ राज म। करबो बोली-बात,सरकारी काम-काज म।। हमर भासा ले भरही , सरकारी खोली । मोला नीक लागे जी……………. हमर भासा में दया-मया,परेम ह बरसथे। सिधवा होथे मनखे,इंहा परदेसी लपकथे।। घुल-मिल के सबो भाई ,रहिथे हम जोली। मोला नीक लागे जी….. बोधन राम निषाद”राज” स./लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.) [responsivevoice_button voice=”Hindi…
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देवी सेवा गीत
झूला झुले निमुवा के डार, भवानी मइया मोर अँगना। छागे ख़ुशी के इंहा बहार, खनकन लगे मोर कंगना।। गोबर मगायेंव खुंट अँगना लिपायेंव। रिगबिग चुकचुक ले चउंके पुरायेंव।। चन्दन पिढ़ा फुलवा के हार, भवानी मइया मोर अँगना। झूला झुले निमुवा के डार,…………. रेशम चुनरी अउ कलशा सजायेंव। पांव में आलता बिंदियाँ लगायेंव।। नौ दिन राती करौं सिंगार, भवानी मइया मोर अँगना। झूला झुले निमुवा के डार,………… हँस हँस के सबो झुलना झुलायेंन। माँग में सिन्दुर के आशीष पायेन।। बिनती निषाद के मया दे अपार, भवानी मइया मोर अँगना। झूला झुले…
Read Moreबोधन राम निषाद राज के ददरिया
आँखी म झुले ओ,तोर मोहनी सुरतिया, आँखी म झुले….. आँखी म झुले गा,तोर झुल झुल के रेंगना, आँखी म झुले…. उगती ले सुरुज उगे,बुड़ती म डेरा। तोर मोर भेंट होगे,संझा के बेरा।। आँखी म झुले….. आँखी म झुले ओ,तोर मोहनी सुरतिया, आँखी म झुले…. मया के बंसरी ल,बजाये तैंहा गा। मन मोहना काबर मोला,नचाये तैंहा गा।। आँखी म झुले….. आँखी म झुले गा,तोर झुल झुल के रेंगना, आँखी म झुले….. मारे लबेदा ,आमा के डारा ओ। तहुँ बइठे ल आबे,हमर पारा ओ।। आँखी म झुले….. आँखी म झुले ओ,तोर मोहनी…
Read Moreसेवा जस गीत
बन्दना :– सुमिरन करतहौं दुरगा तोला, करतहौं बिनती तुन्हार ओ। गावत हौं तोर गुन ल दाई, हमरो सुनले गोहार ओ।। तर्ज :– आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ, नौ नौ कलश सजावौ मैं ह आज ओ। जम्मो देवता बिराजे तोर समाज ओ, आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ। पहली कलश माता शैल पुत्री, दूजा कलश ब्रम्ह्चारिणी। तिजा कलश चंद्रघंटा बिराजे, कलश सजावौ मैं ह आज ओ। आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ। नौ नौ कलश सजावौ………… चउथा कलश माता कुषमाण्डा, पांचवा कलश स्कंधमाता। छठा…
Read Moreपितर के बरा
देख तो दाई कंउवा,छानी म सकलावत हे। पितर के बरा अउ सुहारी,बर सोरियात हे।। कुँवार पितर पाख,देख ओरिया लिपाये हे। घरो घर मुहाटी म,सुघ्घर चउक पुराये हे।। सबो देवताधामी अउ,पुरखा मन आवत हे। देख तो दाई कंउवा………………….. तोरई पाना फुलवा, संग म उरिद दार हे। कोनो आथे नम्मी अउ,कोनो तिथिवार हे।। मान गउन सबो करत हे,हुम गुंगवावत हे। देख तो दाई कंउवा………………….. नाव होथे पुरखा के,रंग रंग चुरोवत हावै। दार भात बरा बर, लइका ह रोवत हावै।। जियत ले खवाये नही, मरे म बलावत हे। देख तो दाई कंउवा………………….. बोधन…
Read Moreअपन रद्दा ल बनाबो
चलौ चलौ संगी,अपन रद्दा ल बनाबो। जांगर टोर कुदरा धर,पानी ओगराबो।। चलौ चलौ संगी…………………….. चिंता झन करौ संगी,कखरो नहीं आसा। रखौ भरोसा करम में,पलट जाही पासा। महीनत के पाछु , कुरिया ल सिरजाबो। चलौ चलौ संगी………………………. बड़े बड़े गड्ढा पटावत हे, तुंहर बल से। परबत नइ बाचै रे,महीनत के फल से।। कर बरोबर भुइया म ,सोना उपजाबो। चलौ चलौ संगी………………………. परती अउ कछार मा,हरियाली लाना हे। बंजर झन रहै धरती,फूल ल फुलाना हे।। झिमिर -2 बरसा में, आओ जी नहाबो। चलौ चलौ संगी………………………. बोधन राम निषाद राज स./लोहारा, कबीरधाम (छ.ग.)…
Read Moreचल ना रे कांवरिया
चल ना रे कांवरिया, चल कांवर ल धरले। सिका-जोंती चुकिया में,गंगा जल भरले।। चल ना रे कांवरिया……………………. सावन के महीना हावै,शिव शंभु दानी के। कर सेवा मन भरके,कांवर ले कमानी के।। हर-हर बम भोले बाबा,पावन काम करले। चल ना रे कांवरिया…………………….. छोटे-बड़े सबो जाथे ,भोले के दरबार में। गिरे-अपटे मनखे मन, खड़े हे दुवार में।। जउने आसा करबे पाबे, बेल पतरी लेले। चल ना रे कांवरिया……………………. भोला के मंदिरवा लगे,भगत मन के मेला। दुरिहा ले कांवर धरे ,आवत, धरे भेला।। ॐ नमः शिवाय, बोधन राम तहुँ जपले। चल ना रे…
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