रूपिया भर म कतेक बतावनका का जिनिस बिसावन!कॉंवर भर भर साग पानटुकना भर अन्न झोकावन!राहर दार लुचई के चाऊंरचार चार… Read More
तइहा तिरिथ बरथ खातिरघर ले कउनों जब जावंय!जमो कुटुम जुरियाये गांव के मेड़ो तक पहुंचावंय!गुनय बहुर के आ पाही के… Read More
बड़ा अटेलिहा* अहिरा छोकरादूध बिना नइ खावंय !घाट पाट बीहर जंगल मगाय अउ भैंस चरावंय !भड़वा मन म दूध चुरोवंयमरकन*… Read More
नाचा गमत रहस लीला तक धीरे धीरे नदाथें!सधे मजे कइ कलाकार ललोगन घलव भुलाथें!चैन चिकरहा तुला तबलहारघ्घु जइसन रागी!परी प्रेम… Read More
रतनपुर जइसन कइ गढ़ के छै छै कोरी तरिया।बिना मरमत खंती माटीपरे निचट हें परियाबरहों महीना बिलमय पानीसोच उदिम करवइया!जोगी… Read More
बेरा कुबेरा नगरिहा अउगड़हा गाड़ी जोतंय!मसमोटी* म हांक त बैलागजब ददरिया सोंटय!पारय टेही संगवारी हअउ जुवाब म गावय!हिरदे के जमो… Read More
होये बर होथे गाँव गाँवकी रतन अउ नवाधा रमायन!सतसंग भागवत कथा घलवपन बाहिर कुकुर कटायेन*!बात बात म ओरझत फिरथेंबिरथा रार… Read More
अब नवा जमाना के लइका सब नवा नवा भर गोठियाथेंहंसिया कुदरी घर खेत कतीजाये खातिर बर ओतियाथें*!बाबू साहेब अउ हवलदारपढ़… Read More
पहली संस्करन : 2010मूल्य : एक सौ रुपएकृति स्वामी : बुधराम यादवप्रकाशक : छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, जिला शाखा, बिलासपुर (छ.ग.)आखर… Read More
पहली संस्करन : 2010मूल्य : एक सौ रुपएकृति स्वामी : बुधराम यादवप्रकाशक : छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, जिला शाखा, बिलासपुर (छ.ग.)आखर… Read More