Budhram Yadaw

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : महंगा जमो बेचावत हें

रूपिया भर म कतेक बतावनका का जिनिस बिसावन!कॉंवर भर भर साग पानटुकना भर अन्न झोकावन!राहर दार लुचई के चाऊंरचार चार… Read More

13 years ago

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : तइहा के सब बइहा ले गय

तइहा तिरिथ बरथ खातिरघर ले कउनों जब जावंय!जमो कुटुम जुरियाये गांव के मेड़ो तक पहुंचावंय!गुनय बहुर के आ पाही के… Read More

13 years ago

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : मातर जागंय

बड़ा अटेलिहा* अहिरा छोकरादूध बिना नइ खावंय !घाट पाट बीहर जंगल मगाय अउ भैंस चरावंय !भड़वा मन म दूध चुरोवंयमरकन*… Read More

13 years ago

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : नाचा-गमत

नाचा गमत रहस लीला तक धीरे धीरे नदाथें!सधे मजे कइ कलाकार ललोगन घलव भुलाथें!चैन चिकरहा तुला तबलहारघ्घु जइसन रागी!परी प्रेम… Read More

13 years ago

मोर गॉंव कहॉं सोरियाव हे : बिन पानी

रतनपुर जइसन कइ गढ़ के छै छै कोरी तरिया।बिना मरमत खंती माटीपरे निचट हें परियाबरहों महीना बिलमय पानीसोच उदिम करवइया!जोगी… Read More

13 years ago

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : दुबराज चांउर के महमहाब

बेरा कुबेरा नगरिहा अउगड़हा गाड़ी जोतंय!मसमोटी* म हांक त बैलागजब ददरिया सोंटय!पारय टेही संगवारी हअउ जुवाब म गावय!हिरदे के जमो… Read More

13 years ago

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : चाल चरित म कढ़े रहंय

होये बर होथे गाँव गाँवकी रतन अउ नवाधा रमायन!सतसंग भागवत कथा घलवपन बाहिर कुकुर कटायेन*!बात बात म ओरझत फिरथेंबिरथा रार… Read More

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मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : सबके मुड़ पिरवाथें

अब नवा जमाना के लइका सब नवा नवा भर गोठियाथेंहंसिया कुदरी घर खेत कतीजाये खातिर बर ओतियाथें*!बाबू साहेब अउ हवलदारपढ़… Read More

13 years ago

गॉंव कहॉं सोरियावत हे : घंघरा -घुघरू, घुम्मिर-घांटी

पहली संस्करन : 2010मूल्य : एक सौ रुपएकृति स्वामी : बुधराम यादवप्रकाशक : छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, जिला शाखा, बिलासपुर (छ.ग.)आखर… Read More

13 years ago

गॉंव कहॉं सोरियावत हे : गठरी सब छरियावत हें

पहली संस्करन : 2010मूल्य : एक सौ रुपएकृति स्वामी : बुधराम यादवप्रकाशक : छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, जिला शाखा, बिलासपुर (छ.ग.)आखर… Read More

13 years ago