छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाज ह खोज अउ शोध के बिसे आय। काबर कि इहां के जम्मो संस्कृति ह कृषि संस्कृति ले गुंथाय हे। यहू बात के परमान मिलथे कि इहां के कतको संस्कृति, रीति-रिवाज ह रामायण अउ महाभारत काल ले जुड़े हे। कतको रीति-रिवाज अउ परम्परा जउन ह जनम ले लेके मरन तक गुंथाय हे वोमा सब ले बड़े हे बर-बिहाव। जिनगी के गाड़ी ल चलाय बर नर अउ नारी दूनो के होना जरूरी हे। नर-नारी के रूप म जिनगी भर एक बंधना म बंधाय के पक्का बंधना होथे बिहाव। ये…
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- Chintaram Singha “Sujari”