छंद बिरवा : चोवाराम वर्मा

छन्द-बिरवा (छत्तीसगढी छन्द संग्रह) चोवाराम ‘बादल’ प्रकाशक आशु प्रकाशन पता- प्लाट नं. 509 मिलेनियम चौक सुंदर नगर, रायपुर (छग) मोबाईल : 09302179153 भूमिका श्री चोवाराम ‘बादल’ छत्तीगढ़ी के जाने चिन्हें कवि हैं। इनमन ‘छंद-बिरवा’ ले जउन संग्रह सौंपत हें, ओहर छातछात छंद के बिरवा बनगे हे। एही ये पोथी के बिसेसता हे अउ छत्तीसगढ़ी भाव अउ विचार ल मात्रिक अउ वर्णिक छंद मा बांधे-छांदे के उदिम घलो। इन छंद के बिसेसता ल बतात आचार्य के पदनी ल धारन कर लेथें अउ उदाहरण के रूप म अपन कविता ल दे के कवि…

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योग करव जी (कुकुभ छंद)

मनखे ला सुख योग ह देथे,पहिली सुख जेन कहाथे । योग करे तन बनय निरोगी,धरे रोग हा हट जाथे।।1 सुत उठ के जी रोज बिहनियाँ,पेट रहय गा जब खाली । दंड पेल अउ दँउड़ लगाके, हाँस हाँस ठोंकव ताली ।।2 रोज करव जी योगासन ला,चित्त शांत मन थिर होही । हिरदे हा पावन हो जाही,तन सुग्घर मंदिर होही।।3 नारी नर सब लइका छउवा, बन जावव योगिन योगी । धन माया के सुख हा मिलही,नइ रइही तन मन रोगी।।4 जात पाँत के बात कहाँ हे, काबर होबो झगरा जी। इरखा के…

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